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ब्रिस्बेन : ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच बुधवार से यहाँ होने वाले पहले एशेज टेस्ट में दोनों टीमों की प्रतिष्ठा दांव पर होगी। ऑस्ट्रेलिया की टीम नए कप्तान पैट कमिंस के नेतृत्व में अपनी चुनौती रखेगी जबकि इंग्लैंड अनुभवी जो रुट के मार्गदर्शन में उतरेगा। इंग्लैंड टीम में कुछ युवा खिलाड़ियों के होने के बावजूद यह सीरीज जो रूट की कप्तानी के साथ ही उनके दो दिग्गज़ तेज गेंदबाज़ों जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड की विरासत साबित करने वाली होगी, जिनका यह क्रमश: पांचवां और चौथा ऑस्ट्रेलिया दौरा है।

रूट अपने करियर की सबसे बेहतरीन फॉर्म के वक़्त यहां पर आए हैं  जबकि एंडरसन और ब्रॉड की फिटनेस पर कई सवाल हैं। बेन स्टोक्स टीम में हैं, लेकिन जुलाई से वह क्रिकेट नहीं खेले हैं और मार्च से तो वह लाल गेंद क्रिकेट भी नहीं खेले हैं। हालांकि उनकी क्लास और प्रतिस्पर्धा पर कभी सवाल नहीं उठाए जा सकते हैं। इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया में अपने पिछले 10 टेस्ट में से 9 मैच हारे हैं और एक भी जीत दर्ज नहीं की है। 

अगर इंग्लैंड के ऑस्ट्रेलिया में पिछले 20 टेस्ट की बात करें तो इंग्लिश टीम ने तीन जीत, 15 हार और दो ड्रॉ खेली है। कुक ने इस दौरान 67, नाबाद 235, 148, 82, 189 और नाबाद 244 के स्कोर बनाए हैं। अगर रूट को इंग्लैंड के कप्तान के रूप में अपनी विरासत को मज़बूत करना है तो कुछ ऐसा ही कमाल करके दिखाना होगा। इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाजों ने ऑस्ट्रेलिया में ज्यॉफ़ बॉयकॉट, क्रिस ब्रॉड और कुक के साथ एशेज की सफलता की कुंजी रखी है, जिसमें इंग्लैंड को क्रमश: 1970-71, 1986-87 और 2010-11 में जीतने में मदद मदद मिली, जबकि माइकल वॉन ने 2002 में तीन शतक बनाए थे और सीरीज में इंग्लैंड को व्हाइट वाश से बचाया था।

इसके बाद आते हैं रोरी बर्न्स बाएं हाथ के इस बल्लेबाज़ ने 2019 एशेज सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एजबेस्टन में एक शतक और अन्य मुकाबलों में दो अर्धशतक लगाकर ऑस्ट्रेलिया के तेज़ गेंदबाजी आक्रमण के सामने ख़ुद को साबित किया था। उन्होंने पिछली गर्मियों की शुरुआत में घरेलू सरजमीं पर न्यूज़ीलैंड के खिलाफ और भी बेहतर प्रदर्शन किया, लेकिन भारत के खिलाफ उनका अनुभव देखने को मिला जब हेडिंग्ले में उन्होंने 153 गेंदों में 61 रनों की पारी खेलकर इंग्लैंड को सीरीज़ में बराबरी पर ला दिया। अगर इंग्लैंड को जीत हासिल करनी है तो बर्न्स को इस सीरीज में एक से अधिक शतक लगाने की ज़रूरत है, जैसा कि वॉन ने किया था। वैसे तीन शतक भी पर्याप्त नहीं हो सकते हैं।