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नई दिल्ली: भारतीय टीम के तेज गेंदबाज उमेश यादव भी ‘एसजी टेस्ट गेंद’ का विरोध करने वाले खिलाड़ियो में शामिल हो गए है,यादव ने शुक्रवार को कहा कि इसके पुराने होने पर निचले क्रम को रोकना मुश्किल हो रहा है। भारतीय कप्तान विराट कोहली पहले ही इंग्लैंड में बनने वाली ड्यूक गेंद की पैरवी कर चुके हैं। उमेश ने दूसरे टेस्ट के पहले दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा, ‘यदि आप कह रहे हैं कि निचले क्रम ने रन बनाए हैं तो आपको समझना होगा कि इस तरह की सपाट पिचों पर एसजी टेस्ट गेंदों से खेलना मुश्किल है। इससे रफ्तार या उछाल नहीं मिलती। लेकिन पिच से मदद नहीं मिलने पर कुछ नहीं हो सकता।
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मध्य और निचले क्रम के आने पर गेंद नरम हो जाती है और बल्लेबाजी आसान हो जाती है। पिछले बल्लेबाजों को पता है कि गेंद ना तो स्विंग होगी और ना ही रिवर्स होगी। आपको बस प्रयास करते रहना होता है। बड़े मैदान पर ऐसा नहीं हो सकता।’  सजी कंपनी के मार्केटिंग डायरेक्टर पारस आनंद से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि गेंद को सख्त करने में कोई मुश्किल नहीं है। अगर 'बीसीसीआई' से हमें फीडबैक आएगा तो हम उस पर काम करेंगे। शार्दुल ठाकुर की चोट के कारण उमेश लंबे स्पैल के लिए तैयार थे। उन्होंने कहा, ‘शार्दुल खेलते तो मैं स्पिनरों की और मदद कर सकता। मुझे तीन विकेट मिले और अगर वह भी दो विकेट ले लेते तो हमारी टीम को मदद मिलती, लेकिन आप कुछ नहीं कर सकते। यह खेल का हिस्सा है।’
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उमेश ने कहा कि उनकी रणनीति विकेट लेने की थी, ना कि रन रोकने की। उन्होंने कहा कि मैंने तय किया था कि मुझे एक मौका लेना होगा। यदि मैं भी रन रोकने की कोशिश करता तो यह हमारे लिए मुश्किल हो जाता, क्योंकि इससे सिर्फ साझेदारी बड़ी होती चली जाती। इसलिए मेरा उद्देश्य जितना संभव हो उतने ज्यादा विकेट लेना था और मैंने यही कोशिश की। इसलिए यह कुछ अलग था। परिस्थितियां बल्लेबाजी के लिए अच्छी थीं और हमें ना तो स्विंग मिल रही थी और ना ही रिवर्स। विकेट सपाट था और यह ऐसी पिच थी जहां आप रन रोक नहीं सकते।