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खेल डैस्क : भारत के महानतम गेंदबाजों में से एक और आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा राज्यसभा के लिए नामित किए गए हरभजन सिंह ने ओमान में भारतीय दूतावास के साथ मिलकर बठिंडा की 21 वर्षीय लड़की कमलजीत कौर को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कमलजीत कौर को अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया था। उसका पासपोर्ट और सिम कार्ड भी जब्त कर लिया गया है।

 

हरभजन ने मामले का खुलासा करते हुए कहा- यह ओमान में भारतीय दूतावास और हमारे राजदूत अमित नारंग की मदद के बिना संभव नहीं होता। उनका योगदान अमूल्य रहा है। राज्यसभा सांसद होने के कारण जरूरतमंद लोगों की मदद करना मेरा फर्ज है। हमारे देश की एक बेटी को मदद की जरूरत थी। मैंने बस अपना काम किया। कमलजीत पंजाब में घर वापस आ गई है। वह सुरक्षित है।

 

बठिंडा में अपने पैतृक गांव बरकंडी गांव में लौटी कमलजीत और उनके पिता सिकंदर सिंह ने पंजाब में ट्रैवल और प्लेसमेंट एजेंटों की पोल भी खोली। कमलजीत ने कहा- मेरे पिता दिहाड़ी मजदूर हैं। तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ा होने के नाते मैं अपने पिता की मदद करना चाहती थी और मैंने जगसीर सिंह नामक एक स्थानीय एजेंट से संपर्क किया। उन्होंने मुझे ओमान में भारतीय परिवार के पास रसोइया की नौकरी दिलाने का वादा किया।

 

कमलजीत ने कहा- पिछले महीने के अंत में मैं मस्कट पहुंची। मुझे बताया गया अगर मेरी सेवा अच्छी लगी तो मुझे सिंगापुर या ऑस्ट्रेलिया भेजा जाएगा जहां पंजाबियों की आबादी ज्यादा है। लेकिन जैसे ही मैं मस्कट हवाईअड्डे पर पहुंची। मुझे ‘अरबन’ नाम का ओमानी एजेंट फलाज अल काबैल एक जगह ले गया और जब उसे एक बड़े कमरा रहने को दिया गया। मैंने महसूस किया कि यहां कुछ गड़बड़ है। वहां दो महिलाएं मरियम और सीमा थीं जो लगभग 20 महिलाओं की प्रभारी थीं। यह सभी भारतीय थीं और वहां काम कर रही थीं। उन्होंने पहले मेरा पासपोर्ट और सिम कार्ड ले लिया लेकिन इसका कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया। मुझे बुर्का पहनने और अरबी भाषा सीखने के लिए कहा गया। मुझे भारतीय परिवार के पास नहीं बल्कि एक कार्यालय में काम करना था। 

 

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कमलजीत ने कहा- मैंने हिम्मत कर सिम कार्ड जुटाई और अपने परिवार से संपर्क किया। मैंने पिता को बताया कि यह लोग सही नहीं हैं। मुझे यहां से बाहर निकालो। यहां बहुत सारी परेशान लड़कियां हैं जिन्हें बंदी बनाया गया है। मैं बहुत असहाय महसूस कर रही थी। इसी बीच वहां पता चल गया कि मेरे पास सिम कार्ड है। उन्होंने मुझे डंडे से पीटा।

 

पिता सिकंदर ने इस बीच जब स्थानीय एजेंट जगसीर से संपर्क किया तो उसने पासपोर्ट जारी करने के लिए 2.5 लाख रुपए मांगे। सिकंदर ने प्रेस वार्ता में कहा- मेरी बेटी मुश्किल हाल में थी। मैं डर गया और मकान गिरवी रखकर पैसा एजेंट को दे दिया। पंजाब में मेरे चाचा के एक परिचित सांसद हरभजन सिंह जी को जानते थे। जब उन्हें मेरे बारे में बताया गया तो उन्होंने तुरंत भारतीय दूतावास से संपर्क किया।

 

कमलजीत ने कहा- मैं हरभजन का पर्याप्त धन्यवाद नहीं कर सकी। उन्होंने बहुत मदद की। उनके फोन के बाद मुझे भारतीय दूतावास से कॉल आया। सितंबर में मेरी उड़ान से सिर्फ तीन घंटे 3, उन्होंने मुझे मेरा पासपोर्ट और सिम कार्ड दिया। भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने विश्वास दिलाया कि उनके पिता को एजेंट को पैसे देने की जरूरत नहीं थी। अगर वह उन्हें बता देते तो वह वैसे ही उन्हें छुड़वा लेते। मैं जब घर पहुंची तो दूतावास के अधिकारियों ने मेरे घर पहुंचने पर भी फोन किया। कमलजीत ने कहा- सरकार से मेरी अपील है कि वहां अभी भी लड़कियां फंसी हुई हैं जिनका पासपोर्ट जब्त कर लिया गया है। उनसे इच्छा के विरुद्ध काम लिया जा रहा है। 

 

वहीं, राज्यसभा सांसद हरभजन सिंह ने मामले बाबत कहा- पंजाब में ऐसे कई परिवार हैं जो बेहतर भविष्य की उम्मीद में अपने बच्चों को विदेश भेजने के लिए सब कुुछ बेच देते हैं। कई लोग तो 50 लाख रुपए भी खर्च कर चुके हैं। पंजाब के निर्दोष लोगों को गुमराह किया जा रहा है और आर्थिक रूप से ठगा जा रहा है। हमें इस गठजोड़ को तोडऩे की जरूरत है। यह सिर्फ एक कमलजीत के बारे में नहीं है, बल्कि उन सैकड़ों लोगों के लिए हैं जिन्हें अवैध तौर पर तस्करी कर दूसरे दूसरे देशों में ले जाया जा रहा है।