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नई दिल्ली: क्रिकेट मैच के दौरान किस पल पासा पलट जाए कोई नहीं कह सकता। आज से 8 साल पहले यानि की 15 दिसंबर को खेले गए एक वनडे में कुल 825 रन बने थे। यह मैच भारत-श्रीलंका के बीच राजकोट में खेला गया। मुकाबला ऐसा रहा था कि आखिरी गेंद तक फैंस की सांसे अटकी रहीं। भारत यह मुकाबला हारते-हारते हुए बचा था। 

भारत ने खड़ा किया था विशाल स्कोर

भारतीय टीम ने 7 विकेट पर 414 रन का विशाल स्कोर बनाया। इसके जवाब में श्री लंकाई टीम जीत के करीब तक पहुंच गई थी लेकिन अंत में उसे 3 रन से हार का सामना करना पड़ा। भारत की तरफ से ओपनर विरेंद्र सहवाग ने विस्फोट शतकीय पारी खेली थी। उन्होंने 102 गेंदों में 17 चौके और 8 छक्के लगाते हुए 146 रन बनाए। उनके अलावा सचिन तेंदलुकर ने 69 और महेंद्र सिंह धोनी ने 72 रनों की अर्धशतकीय पारी खेली थी। रविंद्र जडेजा ने नाबाद 30 और 7वें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे विराट कोहली ने 27 रन का योगदान दिया। 

दिलशान ने पहुंचाया जीत के करीब

लक्ष्य का पीछा करने उतरी श्री लंकाई टीम ने भी कमाल की बल्लेबाजी की। दिलशान ने 124 गेंदों में 160 रनों की पारी खेली और श्रीलंका को जीत के करीब पहुंचाया। दिलशान ने उपुल थरंगा के साथ पहले विकेट के लिए 188 रन जोड़े थे। थरंगा ने 67 रन बनाए। उन्होंने कप्तान कुमार संगकारा (90) के साथ दूसरे विकेट के लिए 128 रन की पार्टनरशिप की। दिलशान टीम के 339 के स्कोर पर चौथे विकेट के रूप में आउट हुए। उन्होंने 20 चौके और 3 छक्के लगाए। श्रीलंका 50 ओवर में 8 विकेट के नुकसान पर 411 रन ही बना सकी।
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वनडे में दूसरा सर्वश्रेष्ठ टोटल 

दोनों टीमों की ओर से बनाए गए कुल रनों के लिहाज से यह दूसरा सबसे बड़ा स्कोर है। इससे पहले साल 2006 में साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच 12 मार्च को जोहानिसबर्ग में खेले गए मुकाबले में दोनों टीमों का कुल स्कोर 872 रन था। तब ऑस्ट्रेलिया ने 4 विकेट पर 434 रन बनाए जिसके जवाब में हर्षल गिब्स (175) की तूफानी पारी की बदौलत साउथ अफ्रीका ने 49.5 ओवर में 9 विकेट पर 438 रन बनाकर मैच जीत लिया।