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ग्रेटर नोएडा: चोट के कारण ऑस्ट्रेलियाई ओपन से बाहर रही भारतीय टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने आज कहा कि उनके लिए इस चोट से निपटना बेहद चुनौतीपूर्ण है। पिछले साल ऑस्ट्रेलियाई ओपन के मिश्रित युगल में उपविजेता और 2016 में महिला युगल की विजेता रही सानिया ने कहा,‘‘ चोट के दौरान सबसे मुश्किल मानसिक चुनौती से निपटना होता है। ऑस्ट्रेलियाई ओपन में नहीं खेलना और टेलीविजन पर उसे देखना काफी मुश्किल था। एक खिलाड़ी के तौर पर यह स्वीकार करना की आप नहीं खेल सकते काफी तकलीफदेह होता है।’’  

तीन बार हो चुकी सर्जरी
उन्होंने कहा, ‘‘जब आप संन्यास लेते हैं तो स्थिति थोड़ी अलग होती है। लेकिन यह पहली बार नहीं है जब मैं चोटिल हुई, इससे पहले भी मेरी तीन बार सर्जरी हुई है, एक खिलाड़ी के तौर पर मैं इसकी अभ्यस्त हूं लेकिन मेरे लिए यह मानसिक चुनौती की तरह है क्योंकि मैं घर में होती हूं और लगता है कि कुछ कर ही नहीं पा रही हूं।’’         

फ्रेंच ओपन में कर सकती हैं वापसी
साल के दूसरे ग्रैंड स्लैम फ्रेंच ओपन में वापसी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ उम्मीद है अगले ग्रैंडस्लैम में वापसी करुंगी लेकिन जैसा कि मैंने कहा कि यह मेरे हाथ में नहीं है। अगले ग्रैंड स्लैम में अभी थोड़ा समय है देखते है क्या होता है।’’ सानिया ने कहा कि अभी इस बारे में पूरी तरह कुछ भी नहीं पता कि कोर्ट में कब तक वापसी करूंगी।          

उन्होंने कहा, ‘‘मैं अभी लगभग दो महीने तक कोर्ट से दूर रहूंगी। सर्जरी के बाद भी इस बात की गारंटी नहीं की यह पूरी तरह ठीक हो। मैं पिछले दो साल से इस चोट के साथ खेल रही थी। इस बीमारी को जंपर्स नी (घुटने में दर्द संबंधी) कहा जाता है। दर्द इतना बढ़ गया था कि मुझे खेल से ब्रेक लेना पड़ा। यह अब ठीक हो रहा, मैं चाहूंगी कि यह जल्दी ठीक हो लेकिन ऐसा नहीं हो रहा, जो मेरे लिए थोडा हतोत्साहित करने वाला है। हां अभी भी दो महीने का समय लगेगा।’’         

एशियाई खेलों में देश को कई पदक दिलाने वाली सानिया मिर्जा से जब जकार्ता में इस साल होने वाले इन खलों में खेलने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक एशियाई खेल का सवाल है मैंने पहली बार 2002 में इस में भाग लिया था। उस वक्त मेरी उम्र 15 साल थी यह काफी लंबा सफर रहा है और अगर मौका मिला तो फिर इसमें खेलना और देश के लिए पदक जीतना चाहूंगी। मैं जब भी इसमें खेली हूं पदक जीतने में कामयाब रही हूं।’’