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जालन्धर, (जसमीत सिंह) :  केपटाउन के न्यूलैंडस स्टेडियम में खेले जा रहे साऊथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के तीसरे टेस्ट मैच के दौरान साऊथ अफ्रीकी ओपनर डीन एल्गर ने बड़ा रिकॉर्ड बना दिया है। ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों के आगे होते दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों के बीच एल्गर ने अपना विकेट संभाले रखा और अंत तक डटे रहे। 98 ओवर में जब 311 रन पर मोर्केल का विकेट गिरा तब भी एल्गर 141 रन पर नाबाद क्रीज पर खड़े थे। 

तीन बार नाबाद लौटने का विश्व रिकॉर्ड बनाया
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पारी की शुरुआत कर नाबाद लौटने के मामले में एल्गर ने बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम किया है। यह ऐसा रिकॉर्ड है जो सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली के नाम पर भी नहीं है। दरअसल एल्गर ऐसे पहले बल्लेबाज बन गए हैं जिन्होंने तीन बार पारी की ओपनिंग की और नाबाद लौटे। इससे पहले पूरी पारी में नाबाद लौटने का रिकॉर्ड वैस्टइंडीज के डेसमंड हेंस (3 बार), ऑस्ट्रेलिया के बिल वुडफुल (2 बार), इंगलैंड के ली हट्टन (2 बार), ऑस्ट्रेलिया के बिल लॉरी (2 बार) और न्यूजीलैंड के ग्लेन टर्नर (2 बार)के नाम था।

एल्गर ने 4 साल के अंदर ही बना दिया रिकॉर्ड
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एल्गर ने सबसे पहले ओपनिंग करते हुए नाबाद लौटने का पहला रिकॉर्ड 2015 में इंगलैंड के खिलाफ बनाया था। दूसरी पारी में जब साऊथ अफ्रीका 214 रन पर सिमट गई थी तब 118 रन बनाकर एल्गर क्रीज पर डटे हुए थे। इसके बाद इसी साल जनवरी में भारत के खिलाफ चौथी पारी में जब साऊथ अफ्रीका टीम 177 रन पर लुढ़क गई थी तब भी एल्गर 86 रन बनाकर क्रीज पर बने हुए थे। अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट में चाहे दक्षिण अफ्रीकी टीम 311 रन पर समाप्त हो गई हो लेकिन अंत तक एल्गर 141 रन पर नाबाद खड़े थे। 

भारत की ओर से गावस्कर ने बनाया था पहला रिकॉर्ड
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अगर भारतीय रिकॉर्ड की बात किए जाएं तो ओपनिंग में आकर नाबाद लौटने का रिकॉर्ड सबसे पहले सुनील गावस्कर ने बनाया था। 1983 में पाकिस्तान के खिलाफ फैसलाबाद में खेले गए टेस्ट दौरान पूरी भारतीय टीम 286 रन पर ऑल आऊट हो गई थी। अकेले गावस्कर ही 127 रन बनाकर अंत में नाबाद लौटे थे। इसके बाद वीरेंद्र सहवाग 2008 में श्रीलंका के खिलाफ गाले में खेले गए मैच दौरान 201 रन पर नाबाद लौटे थे। तब भारतीय टीम ने पहली पारी में 329 रन बनाए थे। इसके बाद राहुल द्रविड़ का नाम आता है जिन्होंने 2011 में इंगलैंड के खिलाफ 146 रन बनाकर यह रिकॉर्ड बनाया था। याद रहे 2015 में श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो के मैदान में खेलते हुए चेतेश्वर पुजारा ने भी यह रिकॉर्ड अपने नाम किया था। ओपनिंग पर आए पुजारा ने 145 रन बनाए थे। जबकि भारतीय टीम 312 रन पर ऑल आऊट हो गई थी।