नई दिल्ली : 2003 में न्यूजीलैंड की टीम भारत दौरे पर थी। मोहाली में टैस्ट मैच चल रहा था। जिसमें न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजों की स्विंग होती गेंदों को आगे खेलने में राहुल द्रविड़ को खेलने में काफी दिक्कत आ रही थी। राहुल के साथ क्रीज पर सचिन तेंदुलकर थे। जब एक-दो ओवर खेलकर राहुल को समझ आया कि यहां बैटिंग थोड़ी मुश्किल है तब वह सचिन के पास पहुंच गए। बोले- बॉल स्विंग हो रही है आपकी रणनीति क्या है। तब सचिन ने कहा- हां, पिच थोड़ी तेज है इसलिए बॉल को अभी छोड़कर खेल रहा हूं। राहुल ने कहा- ऐसा क्या करना चाहिए कि बॉलर इन स्विंग फेंक रहा है आऊट स्विंग पता चल जाए। 

सचिन ने एक तरकीब लड़ाई। बोले- ऐसा करता हूं। मैं बॉलर की तरह देखूंगा कि उसने किस तरह बॉल की सीम पकड़ी हुई है। अगर आऊट स्विंग हुई तो मैं बाएं हाथ में बैट पकड़ लूंगा, अगर इन स्विंग हुई तो दाएं हाथ में। सचिन की यह तरकीब काम आ गई। क्रिस केन्स बॉलिंग जब भी आऊट स्विंग डाले। द्रविड़सचिन का बैट देखकर उसे भांप लेते थे। अचानक डिफेंस में जा रहे द्रविड़ अटैक पर आ गए। क्रिस केन्स को ऑफ साइड पर शानदार कट लगाकर बाउंड्री ली। केंस भी हैरान थे, आखिर द्रविड़ को हो क्या गया है। पहले वह बॉल ठीक तरह से जज नहीं कर पा रहे थे। अब चौके पर चौका लगा रहे हैं। 

इस बीच केंस ने अपनी रणनीति बदल दी। वह क्रॉस सीम से बॉलिंग करने लगे। एक गेंद क्रॉस स्विंग से, एक इन से तो दूसरी आऊट स्विंग में। अब सचिन के लिए मुश्किल हो गया कि केंस अगर क्रॉस सीम पकड़ेंगे तो वह द्रविड़ को कैसे बताएंगे। आखिर ओवर हुई तो द्रविड़ सचिन के पास आए। बोले- बॉल कम स्विंग हो रही है। तो सचिन ने उन्हें बताया कि दरअसल केंस क्रॉस सीम पकड़कर बॉल कर रहे हैं। द्रविड़ ने कहा कि इसका भी कोई इशारा बनाए। इस पर सचिन ने कहा- देखो अगर केंस आऊट स्विंग डालते हैं तो मेरे बाएं हाथ में बैट होता है अगर इन स्विंग डालता है तो दाएं हाथ में। अब एक बात याद रखना जब भी केंस को मैंने क्रॉस सीम से दौड़ते आते देखा तो मैं बल्ले को अपनी दोनों टांगों के बीच रख दूंगा। फिर आराम से खेल लेना। सचिन की यह तरकीब फिर से काम आ गई। सचिन की यह तरकीब फिर से काम आ गई। सचिन ने यह बात अपने सम्मान में एसटी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान तब बताई थी- जब उनसे पूछा गया था कि आपके क्रिकेट करियर का कोई ऐसा किस्सा सुनाएं जिसकी आज भी याद आते ही आपकी हंसी नहीं छूटती।

सचिन ने द्रविड़ के साथ हुई इस घटना के खुलासे के बाद कहा कि द्रविड़ सचमें शानदार व्यक्तित्व के मालिक थे। मैं तो यह देख रहा था कि उनका रिएक्शन टाइम कितना परफेक्ट है। पहले मेरा बल्ला देखना फिर बॉलर को। फिर 145 की स्पीड पर आ रही बॉल को खेलना। सचमुच द्रविड़ कमाल के थे। यही बात उन्हें खास बताती है।