Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Jul, 2017 04:25 PM
केन्द्र और राज्य सरकारें, सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के प्रोत्साहिन के लिए भारी-भरकम धन राशि देने की घोषणा करती रहती है, लेकिन दुख इस बात का है कि अधिकायों की गलती ....
नई दिल्ली: केन्द्र और राज्य सरकारें, सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के प्रोत्साहिन के लिए भारी-भरकम धन राशि देने की घोषणा करती रहती है, लेकिन दुख इस बात का है कि अधिकायों की गलती के कारण ये राशि उन तक नहीं पहुंच पाती और उन्हें मुसीबतों का सामना करना पड़ा। ऐसी ही शर्मनाक घटना तब सामने आई जब एक पैरालम्पिक खिलाड़ी कंचनमाला पांडे को बर्लिन में भीख मांगने के लिए मजबूर होना पड़ा।
पैरा एथलीट कंचनमाला पांडे दृष्टिहीन है, लेकिन बखूबी तैराक है। इस वजह से भारत की ओर से उन्हें बर्लिन वर्ल्ड पैरा स्विमिंग चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए भेजा गया था, लेकिन उन्हें इस सफर पर सरकार और अथॉरिटी की गलतियों का खामियाजा भुगतना पड़ा और सरकार द्वारा भेजी गई सहायता राशि उन तक नहीं पहुंची। पैसा न होने के कारण उन्हें अनजान शहर में भीख मांगने के लिए मजबूर होना पड़ा।
इस मामले को जानकर भारतीय शूटर अभिनव बिंद्रा ने ट्विटर पर इस घटना की आलोचना की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और खेल मंत्री विजय गोयल से हस्तक्षेप करने की भी मांग की। बता दें कि इन हालातों में भी कंचन और सुयाश जाधव ने हार नहीं मानी और दोनों ने देश के लिए सिल्वर मेडल जीता और वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए क्वालिफाई किया।
बिंद्रा के ट्वीट के कुछ ही देर बाद खेल मंत्री विजय गोयलने ट्वीट किया, 'मुझे सूचना है कि पैरालिंपिक कमिटी को फंड युवा और खेल मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए थे। पीसीआई से जानकारी लूंगा कि यह समस्या कैसे हुई?
इस मामले में कंचन ने बताया, 'इस वक्त हम वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के लिए लंदन में हैं और यहां भी हमें फंड्स की कमी से जूझना पड़ रहा है। स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया की तरफ से सिर्फ 33.16 लाख रुपए दिए गए हैं, जबकि आयोजक हमसे 66.32 लाख रुपए देने की बात कह रहे हैं।'