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नई दिल्लीः भले ही भारतीय फुटबॉल की रैंकिंग में लगातार सुधार हुआ है फिर भी भारत को अभी यूरोप के देशों को टक्कर देने में 100 साल लग सकते हैं। यह मानना है भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के पूर्व कोच और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शाहिद हकीम और डाक्टर बीरुमल का। हाल ही में जर्मनी से लौटे दोनों कोचों ने यहां डॉ अंबेडकर स्टेडियम में बताया कि वहां सिर्फ खेल पर ही नहीं खिलाड़ी की फिटनेस, वैज्ञानिक तौर तरीकों से उनके शिक्षण -प्रशिक्षण और दिमागी विकास पर विशेष ध्यान दिया जाता है।   

इंडो यूरोप स्पोट्स एंड लेजर प्रमोशन फाउंडेशन के बैनर तले जर्मनी के नामी डार्टमंड क्लब के साथ अभ्यास के लिए गए तीन खिलाड़ियों साहिल कुमार,दीपांशु और जीवेश ने इस अवसर पर मीडिया के साथ अपने अनुभव बांटे और कहा कि उनका 14 साल का खिलाड़ी भी हमारे सीनियर खिलाड़ी से कहीं आगे है। इंडो यूरोप स्पोट्स के अध्यक्ष वासीम अली की राय में भारतीय फुटबॉल को घर से बाहर निकलने की कारूरत है। सामथ्र्यवान अभिभावकों को चाहिए कि अपने बच्चों को यूरोप के देशों मे सीखने के लिए भेजें क्योंकि वह हमसे बहुत आगे चल रहे हैं।