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सेंचुरियनः विराट कोहली ने खुद को 22 गज की दुनिया का बेताज बादशाह साबित कर दिया है लेकिन भारतीय कप्तान क्रिकेट जगत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज जैसे किसी विशिष्ट ‘तमगे’ के लिए ‘किसी के साथ प्रतिस्पर्धा’ करने के मूड में नहीं हैं। कोहली ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कल समाप्त हुई छह एकदिवसीय मैचों की श्रृंखला में तीन शतकों की मदद से 558 रन बनाए। उनके शानदार प्रदर्शन से भारत ने यह श्रृंखला 5-1 से जीती लेकिन इस स्टार बल्लेबाज ने साफ किया कि उन्होंने कभी सुर्खियों में रहने के लिए क्रिकेट नहीं खेली। कोहली ने छठे और अंतिम एकदिवसीय मैच में भारत की आठ विकेट से जीत के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस मुकाम पर मुझे किसी के साथ प्रतिस्पर्धा जैसा महसूस नहीं होता है। यह सब कुछ मैच से पहले मेरी तैयारियों और मैच के दिन मैं कैसा महसूस कर रहा हूं, से जुड़ा है। मेरी एकमात्र प्रेरणा खुद को उस स्थिति में लाना है। मेरी किसी से भी किसी भी तरह की प्रतिस्पर्धा नहीं है।’’

मैं अच्छी भूमिका निभाना चाहता हूं
कोहली से पूछा गया कि क्या उन्हें अब विश्व क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज कहा जा सकता है, उन्होंने कहा, ‘‘मैंने जैसे कहा है कि मैं किसी तरह का तमगा नहीं चाहता हूं। मैं सुर्खियों में नहीं रहना चाहता हूं। मैं केवल अपनी भूमिका अच्छी तरह से निभाना चाहता हूं। यह लोगों पर निर्भर करता है कि वे क्या लिखते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरा काम है। मैं जो कर रहा हूं वह मुझे करना चाहिए और मैं किसी की तारीफ के लिए ऐसा नहीं कर रहा हूं। इसलिए मैं कड़ी से कड़ी मेहनत और टीम के लिए सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश करने के वर्तमान दौर में बने रहना चाहता हूं।’’ भारतीय कप्तान ने फिर से साफ किया कि जब तक टीम उनकी अहमियत समझती है तब तक लोग क्या सोचते हैं यह उनके लिए ज्यादा मायने नहीं रखता। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए यह मायने रखता है कि टीम प्रबंधन मेरे बारे में क्या सोचता है, मैं खिलाडिय़ों के बारे में क्या सोचता हूं और खिलाड़ी मेरे बारे में क्या सोचते हैं। मेरे लिए यही सब मायने रखता है। मैं जानता हूं कि हर दिन शीर्षक बदलता है। कल अगर मैं खराब शाट खेलकर शून्य पर आउट होता हूं तो हर कोई वह काम करेगा जो उसे करना चाहिए, इसलिए यह कहना मेरा काम नहीं है कि मैं क्या करूं।’’

ड्रेसिंग रूम का सम्मान मायने रखता है
कोहली ने कहा, ‘‘हां अगर मैं गलती करता हूं तो मैं यहां आकर उसे स्वीकार करूंगा। मैं उन लोगों में नहीं हूं जो बहाना बनाते हैं और आगे भी ऐसा ही रहूंगा। लेकिन मैं ऐसा व्यक्ति भी नहीं हूं जो यहां आकर खुद की प्रशंसा करूं। मैं कभी ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि जैसे मैंने कहा यह मेरी भूमिका है। मैं किसी की तारीफ के लिए ऐसा नहीं कर रहा हूं।’’ कप्तान के इस बयान से साफ झलकता है कि वह पूर्व की आलोचनाओं से वह कितने आहत थे। कोहली से पूछा गया कि क्या यह भारत की विदेशी सरजमीं पर सर्वश्रेष्ठ जीत है, उन्होंने कहा, ‘‘आप लोग कह सकते हो। एक महीने पहले हमारी टीम बहुत बुरी थी। अब हमसे यह सवाल किया जा रहा है। हमने अपनी मानसिकता नहीं बदली।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि पहले दो टेस्ट मैचों के बाद 90 प्रतिशत लोगों ने हमारी जीत की संभावना नकार दी थी। मैं इसी कमरे में संवाददाता सम्मेलन में बैठा था। इसलिए हम जानते हैं कि हमारी टीम क्या कर सकती है। मैं किसी तरह के मुगालते में नहीं जीता क्योंकि यह मेरे लिए मायने नहीं रखता। जब हम 0-2 से पिछड़ रहे थे तब भी यह मायने नहीं रखता था और अब जब हम 5-1 से जीते हैं तब भी। मेरे लिए ड्रेसिंग रूम का सम्मान मायने रखता है।’’