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नई दिल्ली : पहले धर्मशाला वनडे में कसावट भरी गेंदबाजी के लिए तो फिर मोहाली वनडे में 10 ओवर में 106 रन देकर नुवान प्रदीप खासे चर्चा में रहे थे। खबरें बनी थी नुवान ने बिना बल्ले के शतक लगाया है। तब बताया गया कि प्रदीप ऐसे सिर्फ चौथे गेंदबाज हैं जिन्होंने दस ओवरों में इतने रन लुटा दिए। इस मामले में हालांकि आयरलैंड के केविन ओ ब्रायन पहले नंबर पर कायम है। उन्होंने साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले गए वनडे में महज 7 ओवर फेंके थे। इन 7 ओवरों में उन्होंने लिया तो सिर्फ एक विकेट लेकिन लुटा दिए 95 रन। उनकी इकोनमी रेट रही 13.57 जोकि अब तक किसी भी गेंदबाज की किसी वनडे मैच में सबसे ज्यादा की इकोनमी है। अगर बात पूरे दस ओवर फेंके जाने की करें तो इसमें ऑस्ट्रेलिया के लेविस सबसे ऊपर खड़े हैं। उन्होंने अपने 10 ओवरों में 113 रन उड़ाए हैं। यह रन उन्होंने साउथ अफ्रीका के लिए दिए थे। लेकिन आज हम बात कर रहे हैं फिल सिमंस की। 

वेस्टइंडीज के लिए 1987 में बतौर मीडियम पेसर करियर शुरुआत करने वाले फिल सिमंस को अगर क्रिकेट जगत का सबसे कंजूस गेंदबाज कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। फिल सिमंस ने 25 साल पहले आज ही के दिन 10-8-3-4 का बेहतरीन फिगर दिया था। उनको इकोनमी रेट था 0.30 यानी प्रति ओवर .30 की औसत से रन दिए। यह मैच खेला गया था पाकिस्तान के खिलाफ। यह सिमंस की किफायती गेंदबाजी ही थी कि वेस्टइंडीज के दिए 215 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान महज 81 रन पर ही ऑल आउट हो गई। सिमंस के अलावा कर्टनी एंब्रोस ने भी कसी गेंदबाजी की थी। उन्होंने इस मैच में चार मेडन फेंकते हुए सिर्फ 19 रन ही दिए थे। 

भारत की बात करें तो बिशन सिंह बेदी हमारे सबसे कंजूस बॉलर कहे जा सकते हैं। उन्होंने 1975 में ईस्ट अफ्रीका के खिलाफ खेले गए वनडे में अपनी 12 ओवर में आठ मेडल फेंके, रन दिए सिर्फ 6 विकेट लिया एक। इनकी इकोनमी 0.50 यानी प्रत्येक ओवर में आधा रन। इसके बाद कपिल देव (7-4-4-0) फिर सुनील जोशी (10-6-6-5) का नाम आता है।