Sports
नयी दिल्ली, 10 मई (भाषा) भारतीय क्रिकेट बोर्ड को 2023 से 2027 के बीच पांच साल के चक्र में आईसीसी के सालाना राजस्व से एक अरब डॉलर से अधिक मिल सकते हैं ।
अभी यह आधिकारिक नहीं है लेकिन आईसीसी के एक प्रभावशाली सदस्य ने बताया कि आईसीसी के 60 करोड़ डॉलर के सालाना राजस्व में से बीसीसीआई को सर्वाधिक 38 . 50 प्रतिशत मिल सकता है ।
बोर्ड के एक सीनियर सूत्र ने बताया ,‘‘ यह प्रस्तावित मॉडल है और क्रिकेट रैंकिंग , आईसीसी टूर्नामेंटों में प्रदर्शन और खेल में व्यावसायिक योगदान पर आधारित है । भारत खेल के व्यावसायिक पहलू में महत्वपूर्ण योगदान देता है ।’’
भारत का दबदबा इतना है कि ईएसपीएन क्रिकइन्फो में छपी एक सूची के अनुसार इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड दूसरे स्थान पर है जिसे आईसीसी के सालाना राजस्व का 6 . 89 प्रतिशत (41 . 33 मिलियन डॉलर) और तीसरे स्थान पर आस्ट्रेलिया को 6 . 25 प्रतिशत (37 . 53 मिलियन डॉलर) मिलेगा । पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड चौथे स्थान पर है जिसे 5 . 75 प्रतिशत (34 . 51 मिलियन डॉलर) मिलेगा ।
पिछले एफटीपी चक्र (2018 से 2022) में आईसीसी का सालाना राजस्व इससे आधा करीब 307 मिलियन डॉलर और पांच साल के लिये करीब 1536 मिलियन डॉलर था । उस समय बीसीसीआई को पांच साल के लिये 405 मिलियन डॉलर मिले थे जो आईसीसी के कुल राजस्व का करीब 26 प्रतिशत था । उस समय ईसीबी को 7 . 8 प्रतिशत और जिम्बाब्वे को छोड़कर बाकी बोर्ड को 7 . 2 प्रतिशत मिले थे ।
बीसीसीआई सचिव इस समय आईसीसी के वित्तीय फैसले लेने वाली वित्त और व्यावसायिक मामलों की समिति के प्रमुख है ।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।