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भुवनेश्वर : भारतीय महिला फुटबॉल टीम सोमवार को यहां फीफा अंडर-17 विश्व कप में ब्राजील की बेहद मजबूत टीम के खिलाफ खेलने उतरेगी तो मेजबान टीम इस मौके का पूरा फायदा उठाने की कोशिश करेगी। भारत पहले ही टूर्नामेंट के नॉकआउट की दौड़ से बाहर हो चुका है लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं कि मेजबान टीम का टूर्नामेंट में अंतिम मुकाबला सीखने के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण होगा क्योंकि विश्व फुटबॉल की दिग्गज टीम ब्राजील का स्तर कहीं बेहतर है। 

ग्रुप ए के अपने दूसरे मैच में भारत ने दूसरे हाफ में तीन गोल गंवाए और उसे शुक्रवार को मोरक्को के खिलाफ 0-3 की शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा जिससे टीम टूर्नामेंट के नॉकआउट चरण की दौड़ से बाहर हो गई। भारत ने पहला मैच अमेरिका के खिलाफ 0-8 से गंवाया था और टीम की लगातार दो हार के बाद मुख्य कोच थॉमस डेनरबी ने स्वीकार किया कि उनकी टीम तकनीकी रूप से उम्मीद के मुताबिक नहीं खेल पाई। डेनरबी चाहते हैं कि उनकी खिलाड़ी जब अपने अंतिम मैच में ब्राजील के खिलाफ उतरें तो वे आक्रमण करते हुए अधिक आत्मविश्वास दिखाएं। 

इस हफ्ते जारी नवीनतम फीफा रैंकिंग में ब्राजील की सीनियर महिला टीम नौवें स्थान पर थी। डेनरबी ब्राजील की क्षमता से वाकिफ हैं लेकिन साथ ही उन्हें लगता है कि उनकी खिलाड़ी मैदान पर खुद को साबित करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें डिफेंस पर बहुत ध्यान देना होगा लेकिन हम यह भी जानते हैं कि फुटबॉल केवल डिफेंस नहीं है। टूर्नामेंट में गोल करना हमारे लिए अच्छा होगा।' डेनरबी ने कहा, ‘ब्राजील एक अच्छी टीम है। और हम यह भी जानते हैं कि ब्राजील नॉकआउट चरण में अपनी जगह सुनिश्चित करने के लिए चुनौती पेश कर रहा है इसलिए मुझे लगता है कि वे कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।' 

डेनरबी ने कहा कि भारतीय लड़कियां ब्राजील के खिलाफ अपनी प्रतिष्ठा के लिए खेलने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘हम लड़ेंगे और एक गोल करने की कोशिश करेंगे। इस टूर्नामेंट से एक गोल के साथ बाहर जाना अच्छा होगा।' कोच ने कहा, ‘हमने अंतिम महत्वपूर्ण पास पर काम किया है- विरोधी टीम के बॉक्स के आसपास की मूवमेंट। यह फुटबॉल का सबसे कठिन हिस्सा भी है - यह जानने के लिए कि उस तरह की स्थिति को कैसे संभालना है।' 

स्वीडन के डेनरबी ने कहा, ‘लड़कियों को निर्णय लेने की बेहतर समझ होनी चाहिए - हमें उन महत्वपूर्ण क्षणों में थोड़ा कौशल के साथ काम करना होगा।'? भारत की सीनियर राष्ट्रीय महिला टीम पिछले नवंबर में ब्राजील के खिलाफ खेली थी और उसे 1-6 से हार का सामना करना पड़ा था। कोच का मानना ​​है कि ब्राजील के सीनियर और जूनियर खिलाड़ियों की खेल शैली में समानता है। डेनरबी ने कहा, ‘इस टीम की खेलने की शैली उनकी समान है। बेशक वे अभी तक उतने कुशल नहीं हैं लेकिन जब आप 17 साल के हो जाते हैं तो यह सामान्य है। मैं कहूंगा कि युवा टीम के खिलाफ खेलना और भी कठिन है क्योंकि एक सीनियर टीम में आपके पास है अपने देश के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी होते हैं।' 

उन्होंने कहा, ‘जब आप आयु वर्ग के टूर्नामेंट में खेलते हैं तो आपको एक विशेष आयु वर्ग के खिलाड़ियों को ही चुनना होता है।' कोच ने कहा, ‘ब्राजील में वे बहुत कम उम्र से फुटबॉल खेलना शुरू कर देते हैं जो एक बहुत बड़ा फायदा है। लेकिन उम्मीद है कि हम कल उन्हें दिखा सकते हैं कि भारत में हमारे पास भी अच्छी शुरुआती एकादश है।' ब्राजील की सीनियर टीम के खिलाफ खेल चुकी सिल्की देवी ने कहा, ‘मुझे पता है कि ब्राजील कितना मजबूत है, उनका फिटनेस स्तर और जिस तरह से वे आक्रमण करते हैं। मैं भाग्यशाली थी कि मुझे उनके खिलाफ कुछ समय के लिए खेलने का मौका मिला। यह मेरे लिए सीखने का एक बड़ा अनुभव था।' उन्होंने कहा, ‘उनकी गति, उनकी पासिंग, सटीकता और उनके द्वारा लिए गए त्वरित निर्णय ऐसी चीजें थीं जो मैंने उस मैच के दौरान देखी थीं।'