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स्पोर्ट्स डेस्क : पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने भारत के पूर्व मुख्य कोच जॉन राइट के साथ विवाद का किस्सा साझा किया जोकि 19 साल पहले हुआ था। राइट को एक उथल-पुथल भरे दौर में मुख्य कोच के रूप में नियुक्त किया गया था, जब भारत का नाम मैच फिक्सिंग में बुरी तरह शामिल था। अपने पूर्व कोच के साथ अपने रिश्ते को याद करते हुए सहवाग ने उस पूरी घटना का खुलासा किया और बताया कि आखिरकार यह कैसे सुलझी। 

दिलचस्प बात यह है कि 2004 में इंग्लैंड के खिलाफ एक मैच के दौरान तेजतर्रार बल्लेबाज सस्ते में आउट हो गया और तभी राइट ने अपना धैर्य खो दिया। वह सहवाग की ओर बढ़े और उनका कॉलर पकड़कर खींचा और तभी बल्लेबाज उग्र हो गया। उन्होंने इसकी शिकायत तत्कालीन मैनेजर राजीव शुक्ला से की जिन्होंने अमृत माथुर के साथ मिलकर कोच और खिलाड़ी के बीच का मामला सुलझाया। 

पूर्व बीसीसीआई महाप्रबंधक अमृत माथुर की किताब 'पिचसाइड: माई लाइफ इन इंडियन क्रिकेट' के लॉन्च के दौरान सहवाग ने उस किस्से को सुनाने हुए कहा, '2004 के इंग्लैंड दौरे में जॉन राइट ने मुझे धक्का दिया था। मेरे सस्ते में आउट होने के बाद उन्होंने मेरा कॉलर पकड़कर खींचा। मुझे बहुत गुस्सा आया और मैंने (तत्कालीन मैनेजर) राजीव शुक्ला से कहा, कोई गोरा मुझे कैसे मार सकता है। बाद में अमृत माथुर और राजीव शुक्ला ने मेरे और राइट के बीच समझौता करा दिया।' 

उस एक घटना से सहवाग और राइट के रिश्ते पर कोई असर नहीं पड़ा। उस घटना के बाद उनके बीच बहुत अच्छी दोस्ती थी और सहवाग ने बाद में उन दोनों के बीच बनी खूबसूरत बॉन्डिंग का जिक्र किया। दूसरी ओर क्रिकेटर खुद टीम इंडिया के सबसे महान ओपनरों में से एक बन गए। सहवाग ने 104 टेस्ट, 251 वनडे और 19 T20I में राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए क्रमशः 8586, 8273 और 394 रन बनाए। इस क्रिकेटर ने भारत को 2011 वनडे विश्व कप जिताने में भी अहम भूमिका निभाई थी। दिलचस्प बात यह है कि 44 वर्षीय खिलाड़ी राइट के शासनकाल के दौरान 2003 में विश्व कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हारने वाली टीम का हिस्सा थे और अंततः स्वर्णिम जीत के लिए उन्हें आठ साल तक इंतजार करना पड़ा था।