स्पोर्ट्स डेस्क : पेरिस ओलिपिक खेलों में 50 वर्ग फ्रीस्टाइल कुश्ती में 100 ग्राम वजन अधिक होने के कारण फाइनल खेलने से कुछ घंटे पहले भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को डिस्क्वालीफाई कर दिया गया। हरियाणा सरकार ने विनेश का विजेता खिलाड़ियों की तरह स्वागत करने और अन्य सुविधाएं देने का ऐलान किया है।
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर लिखा, हरियाणा की बहादुर बेटी विनेश फोगाट ने शानदार प्रदर्शन करते हुए ओलिपिक्स के फाइनल में प्रवेश किया। किसी कारण से वह फाइनल नहीं खेल पाई, लेकिन वह हम सभी के लिए चैंपियन है। विनेश फोगाट का स्वागत और सम्मान पदक विजेता की तरह किया जाएगा। हरियाणा सरकार ओलिपिक्स रजत पदक विजेता को जो सम्मान, इनाम और सुविधाएं देती है, वे सभी विनेश फोगाट को भी दी जाएंगी। सरकार की ओर विनेश को चार करोड़ रुपए दिए जाएंगे। इसके अलावा, सरकारी नौकरी देने का भी ऐलान किया गया है। इस दौरान पंजाब के जालंधर स्थित लवली प्रफेशनल यूनिवर्सिटी ने विनेश फोगाट को 25 लाख रुपए देने का ऐलान किया।
बहुमत होता तो विनेश को राज्यसभा भेजते : हुड्डा
हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा ने कहा है कि विनेश फोगाट का सम्मान एक स्वर्ण पदक विजेता की तरह होना चाहिए। हरियाणा में राज्यसभा की एक सीट खाली है। यदि कांग्रेस के पास बहुमत होता तो उन्हें राज्यसभा भेज देते। इससे अन्य खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिलता।
महावीर फोगाट ने राजनीतिक स्टंट बताया
विनेश फोगाट के कोच और ताऊ महावीर फोगाट ने पूर्व सीएम हुड्डा के बयान को राजनीतिक स्टंट बताया। उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम ने विनेश को राज्यसभा में भेजने की बात कही तो फिर गीता फोगाट को क्यों नहीं भेजा गया। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान राज्यसभा में वर्ष 2005 और वर्ष 2010 में राष्ट्रमंडल खेल हुए थे, तब बबीता ने रजत पदक और गीता ने स्वर्ण पदक जीता था। गीता ने ओलिंपिक्स के लिए क्वालिफाई किया तो उस समय हुड्डा की सरकार थी। गीता और बबीता को डीएसपी बनाया जाना था, लेकिन हुड्डा साहब ने भेदभाव किया और गीता को इंस्पेक्टर और बबीता को सब-इंस्पेक्टर बना दिया। इसके बाद हमने मामला दायर किया और मामला अदालत के माध्यम से सुलझा।
विनेश के साथ जो हुआ, उस पीड़ा को सहना आसान नहीं'
विनेश फोगाट ने डिक्वालीफाई होने के बाद कुश्ती से संन्यास की घोषणा की। उनके ताऊ महावीर फोगाट ने कहा कि उन्हें मनाने का प्रयास किया जाएगा। फाइनल में पहुंचने के बाद बिना मुकाबला खेले अयोग्य घोषित होने से विनेश मानसिक रूप से टूट चुकी है, इसलिए उन्हें कुश्ती से संन्यास लेने जैसा कड़ा फैसला लिया। महावीर फोगाट ने कहा कि विनेश के साथ जो कुछ भी हुआ, उसकी पीड़ा को सहन कर पाना किसी भी खिलाड़ी के लिए आसान नहीं है। विनेश ने इसी पीड़ा में संन्यास लेने की घोषणा की है।
उन्होंने कहा कि मेरा प्रयास रहेगा कि विनेश को न केवल संन्यास का फैसला वापस लेने के लिए मनाऊं, बल्कि उन्हें खेल जारी रखते हुए 2028 के ओलिंपिक्स का हिस्सा बनने के लिए भी प्रेरित करू। पेरिस में जो कुछ हुआ, उसे विनेश ही नहीं, बल्कि कोई भी खिलाड़ी और खेल प्रेमी कभी भूल नही पाएगा। महावीर फोगाट ने कहा कि मानसिक रूप से टूट चुकी विनेश का स्वागत किसी पदक विजेता खिलाड़ी की तरह करने का प्रदेश सरकार का फैसला सराहनीय है। यह कुछ हद तक विनेश के मनोबल को बढ़ाने का काम करेगा।