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नई दिल्ली: मोटर स्पोर्ट की वैश्विक संचालन संस्था फिया के अध्यक्ष मोहम्मद बेन सुलायेम का मानना है कि देश में मोटर स्पोर्ट में नई जान फूंकने के लिए फार्मूला वन जैसी हाई प्रोफाइल रेसिंग प्रतियोगिताओं के अलावा भारत को जमीनी स्तर पर विस्तृत काम करने की जरूरत है। हैदराबाद में पहली फार्मूला ई रेस के इतर कार रेसिंग की वैश्विक संचालन संस्था के पहले गैर यूरोपीय अध्यक्ष बेन सुलायेम ने विभिन्न पहलुओं पर पीटीआई से बात की। यूएई के पूर्व रैली ड्राइवर बेन सुलायेम ने कहा, ‘‘मैंने अपने घोषणा पत्र (दिसंबर 2021 में हुए चुनावों से पहले) में जिक्र किया था कि भारत कितना महत्वपूर्ण है। मैं इसलिए नहीं कह रहा कि मैं यहां हूं, इसलिए नहीं कह रहा क्योंकि मैं अध्यक्ष हूं।'' 

उन्होंने कहा, ‘‘भारत और चीन दोनों निर्माता हैं, दोनों के पास संख्या है। हम उन तक नहीं पहुंच पाए हैं। हम इन दो देश के दो अरब 80 करोड़ लोगों की बात कर रहे हैं और हमारे पास 8000 से कम प्रतिस्पर्धी लाइसेंस हैं।'' रविवार को होने वाली फार्मूला ई रेस 10 साल में विश्व चैंपियनशिप के दर्जे की भारत की पहली रेस होगी। वित्तीय और नौकरशाही से जुड़ी अड़चनों के कारण फार्मूला वन इंडियन ग्रां प्री को तीन रेस के बाद बंद कर दिया गया था। बेन सुलायेम को उम्मीद है कि फार्मूला ई रेस और फिर इसी साल होने वाली मोटो ग्रां प्री से भारत में मोटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा मिलेगा और इस लय को बरकरार रखा जा सकेगा। 

उन्होंने कहा, ‘‘लंबे समय बाद ऐसा हो रहा है (भारत में बड़ी प्रतियोगिता की मेजबानी) लेकिन इसका स्वागत है। हम नहीं चाहते कि प्रतियोगिताएं आएं और चली जाएं लेकिन हम चाहते हैं कि प्रतियोगिताएं होती रहें और छाप छोड़ें।'' निकट भविष्य में क्या फार्मूला वन की भारत में वापसी हो सकती है, इस बारे में पूछने पर बेन सुलायेम ने कहा, ‘‘बेशक वापसी हो सकती है.... मौका है और इसे सुनिश्चित करने के लिए मुझे बाधाओं को खत्म करना होगा। फिया सभी सदस्यों के लिए है।'' 

बेन सुलायेम ने साथ ही कहा कि फिया का ध्यान अधिक महिलाओं को मोटर स्पोर्ट में लाने पर है। फार्मूला वन में रेस करने वाली आखिरी महिला 1976 में लेला लोमबार्डी थी। उन्होंने कहा, ‘‘हम इनका संयोजन (पुरुष और महिला रेस एक साथ) भी कर रहे हैं। किसी ने मुझे कहा कि एफ टू और एफ थ्री महिलाओं के लिए फिट नहीं है। मैंने कहा , ‘नहीं। इसे हासिल किया जा सकता है।'। ''