Sports

ब्रिसबेन : ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा का मानना है कि इंग्लैंड में शीर्ष क्रम के तीन बल्लेबाजों की कड़ी परीक्षा होती है और इन परिस्थितियों के लिए तैयारी करने का एकमात्र तरीका कड़ी मेहनत करना और बहुत कम उम्मीद रखना है। ख्वाजा को अभी तक इंग्लैंड की परिस्थितियों में रन बनाने के लिए जूझना पड़ा है। उन्होंने इंग्लैंड में जो छह टेस्ट मैच खेले हैं उनमें केवल 19.66 की औसत से रन बनाए हैं। ख्वाजा हालांकि इस समय अच्छी फॉर्म में चल रहे हैं। उन्होंने पिछले साल जनवरी में टेस्ट टीम में वापसी करने के बाद 16 टेस्ट मैचों में 69.91 की औसत से 1608 रन बनाए हैं। 

इस 36 वर्षीय बल्लेबाज को उम्मीद है कि भारत के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल और उसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला में वह अच्छा प्रदर्शन करेंगे। ऑस्ट्रेलिया सात जून से लंदन के ओवल में भारत के खिलाफ डब्ल्यूटीसी फाइनल खेलेगा जबकि इंग्लैंड के खिलाफ एशेज श्रृंखला 16 जून से बर्मिंघम में शुरू होगी। ख्वाजा ने क्रिकेट.कॉम.एयू से कहा,‘‘ मेरे विचार में इंग्लैंड में टॉप तीन बल्लेबाजों के लिए विश्व में सबसे मुश्किल स्थान है।'' 

उन्होंने कहा,‘‘ इंग्लैंड की परिस्थितियों में नई गेंद का सामना करना मुश्किल होता है। कभी वहां मौसम आपके अनुकूल होता है लेकिन इससे थोड़ा भाग्य भी जुड़ा होता है क्योंकि कई बार विरोधी टीम के आउट होने के बाद बादल छा जाते हैं तो कभी धूप खिली रहती है।'' ख्वाजा ने कहा कि मौसम की बदलती परिस्थितियों में इंग्लैंड में बल्लेबाजी करना जुआ खेलना जैसा है। उन्होंने कहा,‘‘ मैंने अभी तक यही सीखा है कि कड़ी मेहनत करो और अगर आप इंग्लैंड के दौरे पर जा रहे हो तो खुद से बहुत कम उम्मीदें रखो। एक बार में एक मैच पर ही ध्यान केंद्रित करो क्योंकि एक बल्लेबाज के रूप में आप असफल भी हो सकते हैं। लेकिन जब आप अच्छा स्कोर बनाते हैं तो आपको उसका जितना अधिक हो उतना फायदा उठाना चाहिए।''