मुंबई : चर्चगेट के प्रसिद्ध 49 साल पुराने वानखेड़े स्टेडियम में जल्द ही सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) की प्रतिमा लगने जा रही है। सचिन इसमें परिचित 'लॉफ्टेड ड्राइव' शॉट लगाते दिखेंगे। तेंदुलकर की आदमकद से भी बड़ी प्रतिमा का अनावरण मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, स्वयं क्रिकेटर और अन्य गणमान्य व्यक्ति स्टेडियम के 'सचिन तेंदुलकर स्टैंड' में करेंगे, जो आईसीसी वनडे मैचों की मेजबानी के लिए तैयार है। यह प्रतिमा मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) द्वारा बनाई गई है। वानखेड़े वास्तव में तेंदुलकर का घरेलू क्रिकेट मैदान है।
प्रतिमा लगाने की योजना जून-जुलाई में बनी थी। यह प्रतिमा तेंदुलकर के 50वें जन्मदिन (24 अप्रैल) को एमसीए की ओर से श्रद्धांजलि के रूप में बनाई गई थ। बांद्रा के निवासी तेंदुलकर ने वानखेड़े स्टेडियम में कई सर्वश्रेष्ठ मैच खेले हैं और रिकॉर्ड बनाए है। यही पर उन्होंने नवंबर 2013 में अपना आखिरी टेस्ट खेला था।
अहमदनगर के प्रसिद्ध मूर्तिकार प्रमोद कांबले ने इस प्रतिमा को बनाया है। कांबले के अनुसार- तेंदुलकर की प्रतिमा 14 फीट ऊंची है। इसमें वह उस क्लासिक मुद्रा में दिखेंगे जिसके लिए वह जाने जाते थे। पहले इस प्रतिमा को एमसीए क्लब में रखा जाना था लेकिन बाद में एमसीए अधिकारियों ने इसे 'सार्वजनिक जगह' पर लगाने का फैसला लिया ताकि सभी इसे देख सकें।
कांबले ने कहा कि वह तेंदुलकर से इस बात पर चर्चा करने के लिए मिले थे कि उन्हें खड़े होने वाला पोज चाहिए या एक्शन वाला। उन्होंने अपने हजारों 'एक्शन पोज' के फ़ोटो/वीडियो देखे जो सभी अच्छे थे। अंत में उन्होंने लॉफ्टेड ड्राइव एक्शन पोज में सिक्सर शॉट का चयन किया, जिसमें उनका बायां पैर फैला हुआ था, शरीर थोड़ा झुका हुआ था, सिर ऊंचा है। जबकि बल्ला आसमान की ओर इशारा कर रहा है।
सही मुद्रा का चयन करने के बाद कांबले ने कई लघु मॉडल बनाए फिर प्रत्येक मॉडल पर चर्चाओं का दौर चला और फिर अंततः उन्होंने अंतिम मॉडल में कांस्य प्रतिमा बनाई जो 1 नवंबर को दिन में प्रकाश में आएगी। बता दें कि तेंदुलकर, जिन्हें 2014 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था, 200 टेस्ट मैचों में 15,921 रन, 18,426 एकदिवसीय स्कोर के अनुभवी खिलाड़ी हैं, और उन्होंने वानखेड़े स्टेडियम में अपना विदाई मैच खेला था, जिससे दो दशकों से अधिक के क्रिकेट करियर का अंत हुआ।