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नई दिल्ली : खेलमंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि विश्व डोपिंग निरोधक एजेंसी (वाडा) ने राष्ट्रीय डोप टेस्टिंग लेबोरेटरी (एनडीटीएल) को फिर मान्यता दे दी है । वैश्विक मानदंडों पर खरे नहीं उतरने के कारण 2019 में उसकी मान्यता ले ली गई थी। ठाकुर ने ट्वीट किया कि राष्ट्रीय डोप टेस्टिंग लेबोरेटरी को विश्व डोपिंग निरोधक एजेंसी से फिर मान्यता मिली। उन्होंने आगे लिखा कि इससे खेलों में उत्कृष्टता का उच्चतम वैश्विक स्तर हासिल करने के भारत के प्रयासों को बल मिलेगा। यह भारत सरकार के अथक प्रयासों का परिणाम है।

डोपिंग उल्लंघन के मामले में वाडा की वैश्विक सूची में भारत तीसरे नंबर पर है। इसमें रूस शीर्ष पर है। ठाकुर ने कहा कि पिछले सप्ताह ही हमने संसद में राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक बिल 2021 पेश किया जो भारत को खेलों की महाशक्ति बनाने की दिशा में एक और कदम है। इस बिल से राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी (नाडा) को डोप आरोपियों को पकडऩे के लिए छापे मारने का अधिकार मिल गया है। निलंबन के कारण दिल्ली स्थित एनडीटीएल को डोपिंग निरोधक हर गतिविधि से रोक दिया गया था जिसमें मूत्र और रक्त के नमूनों का विश्लेषण शामिल है।

खेल मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि एनडीटीएल ने तेजी से सुधार किया है और अब यह दुनिया भर में वाडा से मान्यता प्राप्त लैब के समकक्ष होने के लिये पूरी तरह से तैयार है। इसमें आगे कहा गया कि उत्कृष्टता हासिल करने की कवायद में एनडीटीएल अब डोपिंग निरोधक विज्ञान में अनुसंधान के लिए गुवाहाटी स्थित राष्ट्रीय औषधि शिक्षण और अनुसंधान संस्थान और जम्मू स्थित सीएसआईआर आईआईआईएम के साथ मिलकर काम करेगा। 

बयान में कहा गया- एनडीटीएल अपनी अनुसंधान गतिविधियों और डोपिंग निरोधक प्रयासों को मजबूती देने के लिये वाडा से मान्यता प्राप्त दूसरी लैब के साथ मिलकर काम करेगा ।' वाडा ने पहले अगस्त 2019 में एनडीटीएल को छह महीने के लिये निलंबित किया और बाद में यह अवधि बढा दी। निलंबन के दौरान नाडा द्वारा एकत्र मूत्र के नमूने जांच के लिए दोहा में वाडा से मान्यता प्राप्त लैब में भेजने पड़ते थे। इससे भारत में डोपिंग निरोधक कार्यक्रम काफी महंगा हो गया था चूंकि जांच के लिए नमूने विदेश भेजे जा रहे थे।

कोरोना महामारी के कारण भी भारत में डोपिंग निरोधक गतिविधियां मंद पड़ गई थी। वाडा के अपेक्षित मानदंडों पर खरा नहीं उतर पाने के कारण उसके लेबोरेटरी विशेषज्ञ समूह ने जनवरी में एनडीटीएल के खिलाफ आगे अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की थी। उसके बाद निलंबन और बढा दिया गया। निलंबन के कारण टोक्यो ओलिम्पिक से पहले एनडीटीएल में कोई जांच नहीं हो सकी।