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नई दिल्लीः क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लाॅर्ड्स मैदान पर पिछले सात वर्षों में एशियाई टीमों का बेहतर रिकॉर्ड रहा है और इस रिकॉर्ड से भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट में वापसी के लिए प्रेरणा ले सकती है। इंग्लैंड ने लाॅर्ड्स में आखिरी बार किसी एशियाई टीम को 2011 में हराया था और वह टीम भारत थी। उसके बाद से लाॅर्ड्स में इंग्लैंड ने एशियाई टीमों से पांच मैच खेले हैं जिनमें से उसने तीन मैच हारे हैं और दो ड्रा खेले हैं।

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2014 में श्रीलंका से ड्रा और भारत से हारी इंग्लैंड
इंग्लैंड ने जून 2014 में श्रीलंका से मैच ड्रा खेला जबकि जुलाई 2014 में उसे भारत से 95 रन से हार का सामना करना पड़ा। भारत ने इस मुकाबले में अजिंक्या रहाणे के 103 रन की मदद से 295 रन बनाए। इंग्लैंड ने गैरी बैलेंस के 110 रन से 319 रन बनाकर पहली पारी में 24 रन की बढ़त हासिल कर ली। भारत ने दूसरी पारी में मुरली विजय के 95, रवींद्र जडेजा के 68 और भुवनेश्वर कुमार के 52 रन की बदौलत दूसरी पारी में 342 रन बनाये। इंग्लैंड की टीम 319 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 223 रन पर सिमट गयी। इशांत शर्मा ने घातक गेंदबाजी करते हुए 74 रन पर सात विकेट झटके और भारत को जीत दिलाई। इशांत अपनी गेंदबाजी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच बने।

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इस ट्रेंड को देखते हुए भारत के पास लाॅर्ड्स में जीतने का अच्छा मौका
जुलाई 2016 में इंग्लैंड को पाकिस्तान के हाथों 75 रन से पराजय का सामना करना पड़ा। इंग्लैंड की टीम मई 2018 में पाकिस्तान से नौ विकेट से पराजित हो गयी। इस ट्रेंड को देखा जाए तो भारत के पास लाॅर्ड्स में जीतने के मौके बनते हैं। लाॅर्ड्स मैदान पर हालांकि भारत का रिकॉर्ड कोई बहुत अच्छा नहीं है। इस मैदान पर भारत ने कुल 17 मैच खेले हैं जिनमें से उसे दो में जीत और 11 में हार मिली है जबकि चार मैच ड्रा रहे हैं। अपने 1000 टेस्ट पूरे कर चुके इंग्लैंड ने क्रिकेट के मक्का में 134 मैच खेले हैं जिनमें से उसे 53 में जीत और 32 में हार मिली है जबकि 49 टेस्ट ड्रा रहे हैं। 

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