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नई दिल्लीः डोप का दाग मिटाने के लिए संघर्षरत भारोत्तोलन संजीता चानू की परेशानी गुरुवार को बढ़ गई क्योंकि उनका ‘बी’ नमूना भी पाजीटिव पाया गया लेकिन राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता खिलाड़ी अपना मामला अंतरराष्ट्रीय संस्था के सुनवाई पैनल के सामने रखेगी। चानू ने अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) के सुनवाई पैनल के सामने अपना मामला रखने का फैसला किया। अगर संजीता आईडब्ल्यूएफ सुनवाई पैनल के सामने खुद को निर्दोष साबित करने में नाकाम रहती है तो उन पर अधिक से अधिक से चार साल का प्रतिबंध लग सकता है।           

संजीता के भाई बिजेन सिंह ने कहा, ‘‘ ‘बी’ नमूने का परीक्षण संजीता के पास 11 सितंबर को भेजा गया था और हम बुडापेस्ट में आईडब्ल्यूएफ सुनवाई पैनल के सामने अपना मामला रखेंगे। हम इस मामले की आईडब्ल्यूएफ की गलतियों को उजागर करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उसने (अंतरराष्ट्रीय संस्था) अपनी गलतियां स्वीकार की है। हम मामले में जीत के प्रति आश्वस्त हैं।’’ आईडब्ल्यूएफ में नाकाम रहने के बाद संजीता स्विट्जरलैंड स्थित खेल न्यायाधिकरण (सीएएस) में जा सकती है।           

खुद को निर्दोष साबित करेंगी संजीता
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जिस पत्र में संजीता को ‘बी’ नमूने के परिणाम से अवगत कराया गया है उसमें आईडब्ल्यूएफ ने विश्व संस्था को यह बताने के लिये 18 सितंबर तक का समय दिया है कि क्या वह सुनवाई पैनल के सामने उपस्थित होना चाहती हैं या नहीं।  अपने जवाब में संजीता ने लिखा, ‘‘मैं खुद को निर्दोष साबित करने के लिए अपने प्रतिनिधि के जरिये सुनवाई पैनल में उपस्थित होना चाहूंगी।’’ आईडब्ल्यूएफ ने इससे पहले स्वीकार किया था कि उसकी तरफ से प्रशासनिक गलती हुई थी। उसने संजीता के 15 मई के डोपिंग में पाजीटिव पाये जाने के मामले में दो भिन्न नमूना संख्याओं का उल्लेख किया था और संजीता ने इसकी जांच करने की मांग की थी।           

राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी ने कहा कि आईडब्ल्यूएफ के गलती स्वीकार करने का वास्तविक डोपिंग मामले पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। संजीता का ‘ए’ नमूना विश्व चैंपियनशिप से पहले 18 नवंबर को अमेरिका को प्रतियोगिता से इतर लिया था। यह नमूना एनाबोलिक स्टेरायड के लिये पाजीटिव पाया गया था। इसका परिणाम हालांकि 15 मई को आया जब संजीता को अस्थायी निलंबित किया गया। ‘बी’ नमूने की जांच का आग्रह जून में किया गया जिसका परिणाम 11 सितंबर को आया।  संजीता ने आईडब्ल्यूएफ से उस भारोत्तोलक के नाम का भी खुलासा करने का आग्रह किया है जिसके नमूने का नंबर 1599176 है और जिसका उसे भेजे गये पत्र में उल्लेख था।