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बेंगलुरू : भारतीय जूनियर पुरूष हॉकी टीम के कप्तान आमिर अली ने स्वीकार किया कि सुल्तान जोहोर कप के फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाने से वह दुखी हैं लेकिन कहा कि खाली हाथ लौटने से कांस्य पदक काफी अच्छा है। 

भारत ने तीसरे और चौथे स्थान के मुकाबले में न्यूजीलैंड को शूटआउट में हराकर मलेशिया के जोहोर बाहरू में हुए जूनियर टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीता। अली ने कहा, ‘गोल औसत के आधार पर फाइनल से बाहर रहने का हमें दुख है लेकिन एक टीम के रूप में हमने तय किया कि पीछे मुड़कर देखने का कोई फायदा नहीं है। हमने कांस्य पदक के मुकाबले पर फोकस करने का फैसला किया और खुद से वादा किया कि हम खाली हाथ नहीं लौट सकते।' 

भारत पूरे टूर्नामेंट में अंकों के आधार पर शीर्ष पर रहा लेकिन ऑस्ट्रेलिया से 0.4 से हार के बाद गोल औसत में ब्रिटेन से एक गोल से पिछड़कर फाइनल में जगह नहीं बना सका। जूनियर टीम के कोच के तौर पर महान गोलकीपर पी आर श्रीजेश का यह पहला टूर्नामेंट था। अली ने कहा, ‘हमें श्री भाई (श्रीजेश) से बेहतर मेंटोर नहीं मिल सकता था। वह लगातार हमसे कहते रहे कि मैचों का मजा लो और हमने दबाव लिये बिना खेला। हमने गोल गंवाने के बाद वापसी की और वे मैच जीते भी।' 

अब भारतीय जूनियर टीम की नजरें जूनियर एशिया कप खिताब जीतने पर लगी है जो अगले साल होने वाले एफआईएच जूनियर विश्व कप का क्वालीफाइंग टूर्नामेंट है। जूनियर एशिया कप 26 नवंबर से ओमान में खेला जाएगा।