खेल डैस्क : भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री का कहना है कि भारतीय तेज गेंदबाज टी20 विश्वकप में उस जगह पहुंच गए हैं जहां वह गेंद को जहां चाहे, वहां फेंक सकते हैं। उन्होंने बुमराह की तुलना पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज वसीम अकरम से भी की। शास्त्री ने कहा कि उन्होंने (बुमराह) दुनिया को दिखाया कि इसके लिए क्या करना होता है...और आप जानते हैं, आपके करियर में ऐसा अक्सर नहीं होता जब आपके हाथ में गेंद हो और आप कहें, 'ऐसा करो और गेंद वैसा करती है। मुझे लगता है कि भारत-पाकिस्तान (मैच) क्योंकि भारत को वहां लड़ने और यह महसूस करने के लिए बनाया गया था कि टूर्नामेंट में आगे बढ़ने के लिए सही संयोजन क्या होना चाहिए।
बुमराह ने डेथ ओवरों में अच्छी तरह से सेट रिजवान को आऊट किया था। इस पर शास्त्री ने कहा कि मैं कहूंगा कि एक तो जसप्रीत (बुमराह) को मोहम्मद रिजवान का विकेट मिल गया क्योंकि यह बेहद महत्वपूर्ण था। इससे खेल का संतुलन भारत की ओर मुड़ गया और भारत हावी हो गया। इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ फाइनल में बुमराह ने अहम समय में जॉनसन को पवेलियन लौटाया जिससे भारतीय टीम को हावी होने का मौका मिल गया। शास्त्री ने इसे याद करते हुए कहा कि बुमराह ने रिवर्स गेंद फेंकी थी जोकि मार्को जेन्सन के बल्ले और पैड के बीच में घूस गई। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण विकेट था। जेनसन का विकेट 18वें ओवर में गिरा तब दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए 15 गेंदों पर 21 रन चाहिए थे। आखिर में अर्शदीप के 19वें ओवर के बाद हार्दिक पांड्या ने आखिरी ओवर में कमाल कर दिखाया। सूर्यकुमार के कैच ने भारत के लिए जीत निश्चित कर दी।
बुमराह को टूर्नामेंट में 8.26 की औसत से 15 विकेट लेने के लिए 'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' चुना गया। ऐसे में शास्त्री ने 30 वर्षीय खिलाड़ी की तुलना दिवंगत शेन वार्न, वसीम अकरम और वकार यूनिस जैसे पूर्व महान खिलाड़ियों से की। उन्होंने कहा कि बहुत कम लोगों ने ऐसा किया है (खेल का प्रवाह बदल दिया है)। मुझे लगा कि जब वसीम (अकरम) और वकार (यूनिस) सफेद गेंद से क्रिकेट खेलते थे तो उनके पास यह कौशल था। शेन वार्न के पास वह क्षमता थी जहां वह गेंद को सही मायने में बता सकते थे। वहां जाओ, वहां पिच करो, लेग स्टंप पर मारो। वहीं अब बुमराह कर रहे हैं।