Sports

बेंगलुरु : भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और मौजूदा मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने 1974 रणजी ट्राफी जीतने वाली कर्नाटक टीम के सदस्यों की सराहना करते हुए कहा कि ये खिलाड़ी सभी के लिए प्रेरणा थे। रणजी ट्राफी से जीआर विश्वनाथ, सैयद किरमानी, ब्रजेश पटेल, ईरापल्ली प्रसन्ना और बीएस चंद्रशेखर जैसे चैम्पियन निकले हैं। लेकिन इनमें से कोई भी द्रविड़ जितना चमकदार नहीं रहा है। 

द्रविड़ ने कहा, ‘हम सभी के लिए यह (रणजी ट्राफी की जीत) एक प्रेरणा थी। हमारे अंडर-15 और अंडर-17 दौरों में हम केवल यही सुनते थे कि कैसे कर्नाटक ने मजबूत बम्बई को हरा (तब सेमीफाइनल में) दिया।' द्रविड़ ने 1974 रणजी ट्रॉफी टीम के खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिए आयोजित समारोह में कहा, ‘इससे कर्नाटक क्रिकेट और देश की बाकी टीम के लिए दरवाजे खोल दिए कि बम्बई को हराना संभव है। कर्नाटक क्रिकेट इन सभी दिग्गजों के कंधों पर ही आगे बढ़ी।' 

उस समय मुंबई की टीम 15 सत्र में पहली बार रणजी ट्राफी फाइनल में जगह नहीं बना सकी थी। फाइनल में कर्नाटक ने राजस्थान को 185 रन से हराया था जिसमें कप्तान प्रसन्ना ने नौ विकेट चटकाए थे जिससे टीम ने पहला रणजी ट्राफी खिताब जीता था। सेमीफाइनल में कर्नाटक के लिए विश्वनाथ और ब्रजेश ने शतक जड़े थे जबकि प्रसन्ना और चंद्रशेखर ने मिलकर नौ विकेट चटकाए थे। 

द्रविड़ ने कुछ बातें साझ करते हुए कहा, ‘जीआरवी सर मेरे पहले मैनेजर थे। एक बार हम एक मैच के लिए विशाखापत्तनम गए थे और आंध्र क्रिकेट संघ ने हमें 20-25 किलोमीटर दूर रेलवे स्टेशन से लेने के लिए बस की व्यवस्था की थी।' उन्होंने कहा, ‘तब बस ड्राइवर और कंडक्टर ने कहा कि बस में केवल 15 खिलाड़ी ही हैं तो रास्ते में लोगों को लेकर अतिरिक्त पैसा कमाया जा सकता है। मुझे याद है विशी सर चिल्ला रहे थे कि नहीं, नहीं, आप ऐसा नहीं कर सकते।'