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चेन्नई: भारत की शीर्ष स्क्वाश खिलाड़ी जोशना चिनप्पा और दीपिका पल्लीकल का गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतकर कल रात यहां लौटने पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। जोशना और पल्लीकल को महिला युगल फाइनल में हार के साथ रजत पदक से संतोष करना पड़ा था। पल्लीकल ने सौरव घोषाल के साथ मिलकर मिश्रित युगल का ऐतिहासिक रजत पदक भी जीता था।

जोशना और पल्लीकल ने 2014 ग्लास्गो खेलों में महिला युगल का स्वर्ण पदक जीता था। जोशना ने कहा, ‘‘चार साल में स्क्वाश में काफी कुछ हुआ। उस समय हमने पोडियम में जगह बनाई थी और लक्ष्य यह था कि इस बार भी हम इससे नहीं चूके। इस लिहाज से देखा जाए तो यह संतोषजनक नतीजा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें अगली बड़ी चुनौती यानि अगस्त में होने वाले एशियाई खेलों के लिए कड़ी मेहनत करने का प्रोत्साहन मिला है।’’

पल्लीकल ने कहा कि यह संतोष की बात है कि वे खाली हाथ नहीं लौटै। इन दोनों का हालांकि मानना है कि खेलों में रैफरी का स्तर बेहतर हो सकता था। जोशना ने कहा, ‘‘फाइनल के बाद इस मामले में न्यूजीलैंड की खिलाड़ी भी हमारे साथ सहमत थी।’’  देर रात पहुंचने के बावजूद स्क्वाश खिलाड़ी यहां हुए स्वागत से हैरान थी। 

जोशना ने कहा, ‘‘इस तरह के स्वागत से हम हैरान हैं।’’ हरिंदर पाल संधू और राष्ट्रीय कोच साइरस पोंचा भी पदक विजेता इस जोड़ी के साथ लौटे। कोच ने कहा कि यह बेहतरीन नतीजा है क्योंकि टीमों को क्वार्टर फाइनल चरण में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा था।