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चेन्नई : कोविड-19 टीकाकरण करवाने में हिचकिचाने वाले मुरली विजय अपनी मर्जी से क्रिकेट से दूर रहे और घरेलू क्रिकेट के लिये निकट भविष्य में उनका वापसी करना मुश्किल हो सकता है। इंडियन प्रीमियर लीग 2020 में चेन्नई सुपर किंग्स का प्रतिनिधित्व करने वाले 37 साल के इस खिलाड़ी ने खुद को चयन के लिए अनुपलब्ध कर दिया था क्योंकि वह ‘बायो-बबल' में रहने के इच्छुक नहीं थे जबकि यह टूर्नामेंट के आयोजन के लिए बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) की मानक परिचालन प्रक्रिया का हिस्सा है।

इसके परिणामस्वरूप भारतीय टीम से बाहर चल रहे 37 साल के सलामी बल्लेबाज के नाम पर तमिलनाडु के चयनकर्ताओं ने मौजूदा सैयद मुश्ताक अली ट्राफी के लिए विचार नहीं किया। तमिलनाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए) के सूत्रों ने अब दावा किया कि अगर यह अनुभवी बल्लेबाज राज्य की टीम में वापसी की इच्छा व्यक्त करता है तो यह ‘काफी मुश्किल' होगा। एक सूत्र ने कहा कि उन्हें ट्रेनिंग में वापसी करनी होगी, अपनी फिटनेस के बाद फॉर्म साबित करनी होगी तभी वह मैच खेल सकते हैं।

पिछले साल सैयद मुश्ताक अली ट्राफी के लिए तमिलनाडु टीम से हटने के बाद उन्होंने टीएनसीए से संपर्क नहीं किया है। संघ के एक सूत्र ने कहा कि विजय ने पिछले साल दिसंबर में लिखा था कि वह मुश्ताक अली ट्राफी के लिए चयन के लिए उपलब्ध नहीं होंगे। उसके बाद से उन्होंने टीएनसीए से संपर्क नहीं किया है और हम नहीं जानते कि उसके मन में क्या है। उनके अनुसार कि विजय को कोविड-19 का टीकाकरण कराने में कुछ झिझक है जो उनका निजी फैसला है।

साथ ही उन्होंने कहा था कि वह बायो बबल में भी सहज नहीं है जो बीसीसीआई की मानक परिचालन प्रक्रिया का हिस्सा है। एक अन्य सूत्र ने कहा कि जब उन्होंने फिर से अपनी उपलब्धता के बारे में नहीं लिखा है तो उनके राज्य की टीम के लिए चुने जाने का सवाल ही कहां पैदा होता है। साथ ही वह टीकाकरण से भी सहज नहीं दिखते। विजय से संपर्क करने के प्रयास किए लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। साथ ही टीएनसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विजय ने हाल में उनसे सपंर्क नहीं किया है।