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नई दिल्लीः भारतीय हाॅकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों के लिए चुनी गई टीम को ‘सर्वश्रेष्ठ’ करार देते हुए आज यहां अपने खिलाडिय़ों से चिरप्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ भावनाओं पर काबू रखने की अपील की जिसके खिलाफ टीम को अपनेअभियान की शुरूआत करनी है। भारतीय टीम पिछले ग्लास्गो में पिछले राष्ट्रमंडल खेलों में फाइनल में आस्ट्रेलिया से हार गयी थी और मनप्रीत इस बार भी मेजबान देश को ही सबसे बड़ी चुनौती मानकर चल रहे हैं। वह हालांकि अभियान की सकारात्मक शुरूआत करना चाहते हैं और उन्हें आस्ट्रेलिया पर भी जीत की उम्मीद है जिसने अभी तक 1998 के बाद राष्ट्रमंडल खेलों में हर बार स्वर्ण पदक जीता है।           

खुद पर भावनाएं हावी नहीं होने दें खिलाड़ी
प्रीत ने टीम की गोल्ड कोस्ट रवानगी से पहले कहा, ‘‘पाकिस्तान के खिलाफ हमें भावनाओं को काबू रखना होगा। हम अभी सभी खिलाडिय़ों को यह सलाह दे रहे हैं कि वे इस मैच में खुद पर भावनाएं हावी नहीं होने दें क्योंकि इसका नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है।’’ आस्ट्रेलिया अब भी भारतीय टीम की राह में सबसे बड़ी बाधा है जिसने दिल्ली खेलों के फाइनल में भारत को फाइनल में 8-0 और ग्लास्गो में 4-0 से करारी शिकस्त दी थी। हाल में अजलन शाह कप में भी आस्ट्रेलिया की टीम भारत पर हावी रही थी लेकिन मनप्रीत ने कहा कि वहां सर्वश्रेष्ठ टीम नहीं उतरी थी। उन्होंने कहा, ‘‘आस्ट्रेलिया के खिलाफ हमारा प्रदर्शन शत प्रतिशत नहीं रहा है लेकिन हमने उन्हें बराबर चुनौती दी है। हमारी टीम उससे भिडऩे के लिये तैयार है। अजलन शाह कप में हमारी मजबूत टीम ने हिस्सा नहीं लिया था लेकिन राष्ट्रमंडल खेलों में हम अपनी सर्वश्रेष्ठ टीम उतार रहे हैं। वहां स्थिति भिन्न होगी।’’          

टीम में अनुभव का अच्छा मिश्रण 
पूर्व कप्तान सरदार सिंह सहित कुछ वरिष्ठ खिलाडिय़ों को टीम में नहीं रखा गया है लेकिन मनप्रीत का मानना है कि इससे खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘टीम में युवा और अनुभव का अच्छा मिश्रण है। टीम के पास कई सीनियर खिलाड़ी हैं जो किसी भी परिस्थिति में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का माद्दा रखते हैं। सबसे अहम बात यह है कि टीम अभी पूरी तरह से फिट और खेलने के लिये तैयार है।’’ मनप्रीत ने कहा कि अभ्यास के दौरान पेनल्टी कार्नर को गोल में बदलने पर विशेष ध्यान दिया गया। उन्होंने कहा, ‘‘पेनल्टी कार्नर हासिल करना और फिर उसे गोल में बदलना दोनों महत्वपूर्ण हैं। पेनल्टी कार्नर को गोल में बदलने में पिछले कुछ टूर्नामेंट में रिकार्ड अच्छा नहीं रहा लेकिन अब हमने इस विभाग में काफी सुधार किया है।’’