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नई दिल्लीः  #MeToo कैम्पेन के जरिए कई महिलाएं अपने ऊपर हुए अत्याचारों और यौन शोषण के बारे में खुलकर सामने आ रही हैं। इस कैम्पेन में अब ज्वाला गुट्‍टा भी शामिल हो गई हैं। गुट्टा ने भी अपना 'मी टू मोमेंट' शेयर किया आैर बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि कैसे उनका करियर एक अधिकारी के कारण बर्बाद हो गया। 

किसी अध्यक्ष पर लगाए हैं आरोप
'अर्जुन पुरस्कार' विजेता ज्वाला ने अपने आधिकारिक ट्‍विटर अकाउंट के जरिए कहा कि एक अध्यक्ष ने मुझे मानसिक रूप से इतना अधिक परेशान किया कि मैंने खेलना तक छोड़ दिया था। मेरा शारीरिक उत्पीड़न नहीं हुआ, लेकिन मानसिक उत्पीड़न इतना बढ़ गया कि मैं परेशान हो गई और मैंने खेल से तौबा कर ली थी।

आज से 12 साल पहले की घटना का उल्लेख करते हुए ज्वाला ने लिखा, "2006 में ये अधिकारी भारतीय बैडमिंटन का चीफ बना था। तब मैं नेशनल चैम्पियन थी, लेकिन इसके बाद भी मुझे उसने टीम में शामिल नहीं किया। जब मैं रियो से वापस लौटी तो उसने मुझे नेशनल टीम से बाहर कर दिया।"

ज्वाला ने कहा कि जब वह शख्स कामयाब नहीं हो सका तो उसने मेरे साथियों को धमकियां देकर परेशान किया। उसने मुझे हर तरह से अलग-थलग करने की कोशिश की। रियो ओलिंपिक के बाद जिस खिलाड़ी के साथ मुझे मिक्स्ड डबल्स खेलना था, उसे भी धमकी दी गई। मुझे टीम से बाहर कर दिया गया। मैं मानसिक उत्पीड़न से इतनी परेशान हो गई कि मैंने खेलना छोड़ दिया।

गौरतलब है कि वीके शर्मा जब बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष थे तब कई बार ज्वाला गुट्टा विवादों के घेरे में आई थीं। उन्होंने एसोसिएशन पर भेद-भाव करने का आरोप लगाया था।