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बर्मिंघम : जुडोका तूलिका मान के अनुसार वह अभी पूरी तरह फिट नहीं है लेकिन अब वह राष्ट्रमंडल खेलों की रजत पदक विजेता है और इस 23 वर्षीय खिलाड़ी ने बर्मिंघम 2022 की टीम में जगह बनाने के लिए 30 किलो वजन कम किया था। राष्ट्रमंडल खेलों के लिए एक साल पहले जिन खिलाड़ियों की सूची तैयार की गई थी उनमें तूलिका का नाम नहीं था क्योंकि वह अनफिट थी। 

बर्मिंघम खेलों में मुकाबला बहुत कड़ा नहीं था जैसा कि एशियाई खेलों में हो सकता है जो कि उनका अगला लक्ष्य है लेकिन लगभग छह फीट लंबी इस खिलाड़ी ने 78 किग्रा में भाग लेने के लिए अपनी फिटनेस पर काफी काम किया। जूडो के कोच जीवन शर्मा ने कहा, ‘एक साल पहले जब संभावित खिलाड़ियों का चयन किया गया तो तूलिका उनमें शामिल नहीं थी। उसका वजन तब 115 किलो था लेकिन उसने उसे घटाकर 85 किलो किया। अभी उसका वजन 89-90 किलो है।' 

उन्होंने कहा, ‘जूडो में अभी काफी काम करने की जरूरत है क्योंकि एशियाई स्तर पर मुकाबला राष्ट्रमंडल खेलों की तुलना में अधिक कड़ा है।' तूलिका भारतीय खेल प्राधिकरण के भोपाल केंद्र में कोच यशपाल सोलंकी से प्रशिक्षण लेती है और उन्होंने बुधवार को पदक समारोह में अपना रजत अपने कोच और मां को समर्पित किया था जो दिल्ली पुलिस में कार्यरत हैं। जब वह दो साल की थी तब उनके पिता का निधन हो गया था। तूलिका ने कहा, ‘मैं यहां रजत पदक के लिए नहीं आई थी। कौन जानता है कि जब मैं अगली बार राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लूंगी तो क्या होगा। मुझे पदक का रंग बदलना होगा। मैं अपने इस प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं हो सकती।' 

उन्होंने कहा, ‘मैंने आक्रामक रवैया न अपनाकर दो फाउल किए और फिर मैं उनका बचाव करने में लग गई जो कि सही नहीं रहा।' तूलिका फाइनल में स्कॉटलैंड की सारा एडलिंगटन से हार गई थी। तूलिका ने उन परेशानियों का जिक्र भी किया जो उन्होंने भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए झेली थी। उन्होंने कहा, ‘टीम में जगह बनाने के लिए मुझे काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा लेकिन तब भारतीय खेल प्राधिकरण ने हस्तक्षेप किया। अगर मुझे अभ्यास शिविर में अधिक अभ्यास का मौका मिलता तो परिणाम इससे बेहतर होता।'