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मुंबई : भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने सीनियर विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा को धमकाने के लिए बोरिया मजूमदार पर दो साल का प्रतिबंध लगाया और इस खेल पत्रकार के पंजीकृत खिलाड़ियों से साक्षात्कार करने और देश के क्रिकेट स्टेडियमों में उनके प्रवेश पर रोक लगा दी है। 

बीसीसीआई की शीर्ष परिषद द्वारा स्वीकृत की गई पांबदियों के अंतर्गत मजूमदार को दो साल तक ‘मीडिया एक्रीडिटेशन' नहीं दिया जाएगा। साहा को साक्षात्कार के अनुरोध को इनकार के कारण मिले धमकी भरे संदेशों की जांच के लिए बीसीसीआई ने 25 फरवरी को एक तीन सदस्यीय समिति गठित की थी। साहा ने 23 फरवरी को लगातार ट्वीट किए और शुरू में इस पत्रकार का नाम बताने से इनकार कर दिया था लेकिन बाद में उन्होंने तीन सदस्यीय समिति के समक्ष इस पत्रकार का खुलासा किया और मजूमदार का नाम बता दिया। 

इस तीन सदस्यीय समिति में बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला, बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अरूण सिंह धूमल और बीसीसीआई परिषद के सदस्य प्रभतेज सिंह भाटिया शामिल थे। तीन मई को बीसीसीआई के अंतरिम सीईओ और आईपीएल के मुख्य परिचालन अधिकारी हेमांग अमीन ने राज्य इकाईयों को लिखे पत्र में कहा, ‘ऋद्धिमान साहा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर एक पत्रकार द्वारा भेजे गये संदेशों के स्क्रीनशॉट साझा किये जिसमें उन्होंने बताया कि उन्हें इस पत्रकार ने धमकाया था। साहा ने सुनवाई के दौरान पत्रकार का नाम बोरिया मजूमदार बताया।' 

अमीन ने कहा, ‘बीसीसीआई समिति ने साहा और मजूमदार के बयान पर विचार किया और निष्कर्ष पर पहुंचे कि मजूमदार का लहजा धमकाने वाला था।' अमीन के अनुसार समिति ने शीर्ष परिषद को तीन पाबंदियों की सिफारिश की और मजूमदार पर इन्हें लगाने पर सहमति जताई। इन तीन पांबदियों में भारत में किसी भी तरह के क्रिकेट मैचों (घरेलू और अंतरराष्ट्रीय) में प्रेस के सदस्य के तौर पर ‘एक्रिडिटेशन' पर दो साल का प्रतिबंध, भारत में मान्यता प्राप्त किसी भी खिलाड़ी से कोई भी साक्षात्कार करने पर दो साल का प्रतिबंध और बीसीसीआई या सदस्यीय संघों की क्रिकेट सुविधाओं में प्रवेश पर दो साल का प्रतिबंध शामिल है। बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारी ने सभी राज्य इकाइयों से प्रतिबंधों का पालन करने के लिए कहा है।