दुबई : आईसीसी ने मंगलवार को यह घोषणा की कि बीसीसीआई सचिव जय शाह दिसंबर में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के अगले चेयरमैन बनेंगे क्योंकि इस पद के लिए वह अकेले उम्मीदवार बचे थे। 35 वर्ष के शाह निवर्तमान ग्रेग बार्कले की जगह लेंगे जिन्होंने लगातार तीसरी बार दावेदारी नहीं करने का फैसला किया। शाह ने आईसीसी द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के चेयरमैन के तौर पर नामित होने से अभिभूत हूं। शाह को अब बीसीसीआई सचिव का पद छोड़ना होगा जिस पर वह 2019 से काबिज हैं। बोर्ड की आमसभा की बैठक अगले महीने या अक्तूबर में होगी। शाह इस समय आईसीसी की सबसे दमदार वित्त और व्यावसायिक मामलों की उप समिति के प्रमुख है। वह 2022 में इस उप समिति के अध्यक्ष बने थे।
आईसीसी चेयरमैन के लिए ये हैं नियम
आईसीसी के नियमों के अनुसार चेयरमैन के चुनाव में 16 वोट होते हैं और विजेता को 9 मत (51%) चाहिए होते हैं लेकिन जय शाह के मामले में विरोधी न होने के कारण वोटिंग की जरूरत महसूस नहीं हुई।
सबसे कम उम्र के चेयरमैन बने शाह
इस नियुक्ति के साथ ही 35 साल की उम्र में जय शाह आईसीसी के इतिहास में सबसे कम उम्र के चेयरमैन बन गए हैं। बता दें कि जगमोहन डालमिया, शरद पवार, एन श्रीनिवासन और शशांक मनोहर ऐसे भारतीय हैं, जिन्होंने अतीत में आईसीसी का नेतृत्व किया है।
चैंपियंस ट्रॉफी पर आएगा फैसला
अगले साल चैंपियंस ट्रॉफी पाकिस्तान में होनी है। बीसीसीआई पहले से ही पाकिस्तान अपनी टीम भेजने से कतराता रहा है। बीसीसीआई सेक्रेटरी पद पर रहते हुए जय शाह पहले ही बयान दे चुके हैं कि चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम इंडिया पाकिस्तान नहीं जाएगी। भारत के मैच या तो श्रीलंका और यूएई में होंगी या फिर पाकिस्तान से मेजबानी वापस ली जाएगी। अब जय शाह के आईसीसी चेयरमैन बनते ही पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड जरूर चेत गया होगा क्योंकि बीसीसीआई की चैंपियंस ट्रॉफी खेलने को लेकर जो शर्तें आईसीसी चेयरमैन के पास पेंडिंग थीं, वह अब जय शाह के आने के कारण पूरी होने की उम्मीद है।
एलए ओलंपिक 2028 में क्रिकेट पर भी बोले
शाह ने चेयरमैन बनने के बाद कहा कि मैं क्रिकेट को और अधिक वैश्वीकृत करने के लिए आईसीसी टीम और हमारे सदस्य देशों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हूं। हम एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़े हैं जहां कई प्रारूपों के सह-अस्तित्व को संतुलित करना, उन्नत प्रौद्योगिकियों को अपनाने को बढ़ावा देना और हमारे प्रमुख कार्यक्रमों को नए वैश्विक बाजारों में पेश करना तेजी से महत्वपूर्ण हो गया है। हमारा लक्ष्य क्रिकेट को पहले से कहीं अधिक समावेशी और लोकप्रिय बनाना है। उन्होंने आगे कहा कि एलए 2028 में ओलंपिक में हमारे खेल को शामिल करना क्रिकेट के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ का प्रतिनिधित्व करता है, और मुझे विश्वास है कि यह खेल को अभूतपूर्व तरीके से आगे बढ़ाएगा।