लीड्स : जसप्रीत बुमराह के आलोचकों को लगता था कि अपने अजीबोगरीब गेंदबाजी एक्शन के कारण वह आठ से दस महीने के अंदर अर्श से फर्श पर आ जाएंगे लेकिन यह उनका आत्मविश्वास ही था जिससे यह भारतीय के गेंदबाज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक दशक पूरा करने में सफल रहा। बुमराह ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में 83 रन देकर पांच विकेट लिए।
टेस्ट मैचों में 14वीं बार पारी में पांच या इससे अधिक विकेट लेने के बाद उन्होंने अपनी सफलता का राज बताया। बुमराह से पूछा गया कि चोटिल होने के बाद हर बार उन्हें चुका हुआ मान लिया जाता है तो क्या उन्हें बुरा लगता है, उन्होंने कहा, ‘लोगों को लगता था कि इन सभी वर्षों में (मैं केवल) 8 महीने खेलूंगा, कुछ ने कहा कि 10 महीने, लेकिन अब मैंने 10 साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और 12-13 साल आईपीएल खेल लिया है।'
उन्होंने कहा, ‘यहां तक कि अब भी लोग (हर चोट के बाद) कहते हैं कि वह आगे नहीं खेल पाएगा। उन्हें कहने दीजिए, मैं अपना काम करता रहूंगा। हर चार महीने में ये चीजें सामने आती रहेंगी, लेकिन जब तक ईश्वर की कृपा रहेगी, मैं खेलता रहूंगा।' बुमराह ने कहा, ‘मैं अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ तैयारी करता हूं और फिर यह ईश्वर पर छोड़ देता हूं कि वह मुझ पर और कितना आशीर्वाद बरसाते हैं।'
इंग्लैंड को पहली पारी में बढ़त लेने से रोकने में अहम भूमिका निभाने वाले बुमराह ने कहा कि वह यहां लोगों की धारणा बदलने के लिए नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘लोग क्या लिखते हैं, यह मेरे नियंत्रण से बाहर है और मैं लोगों को यह सलाह नहीं दे सकता कि वे मेरे बारे में क्या लिखें। अगर मेरे बारे में लिखने से उन्हें पाठक मिलते हैं तो इसमें मुझे कोई परेशानी नहीं है।'
मैच के बारे में बुमराह ने कहा कि विकेट बल्लेबाजी के लिए अच्छा है, लेकिन खेल आगे बढ़ने के साथ इसमें दरार पड़ सकती है। उन्होंने कहा, ‘इस समय यह विकेट बल्लेबाजी के लिए बहुत अच्छा है। यह थोड़ा सा दोहरी गति वाला है, विकेट में कोई बड़ी समस्या नहीं है। मौसम के कारण, नई गेंद स्विंग करेगी, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में आप यही उम्मीद करते हैं। हम बड़ा स्कोर बनाकर उनके सामने मुश्किल लक्ष्य रखना चाहेंगे।'
भारत ने कई कैच छोड़ें, इस संदर्भ में बुमराह ने कहा, ‘यह खेल का हिस्सा है। हमें इस बारे में सोचने के बजाय आगे के खेल पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। स्वाभाविक है कि अगर कैच लिए जाते तो अच्छा होता लेकिन खिलाड़ी इसी तरह से सीख लेते हैं।'