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नॉर्थ साउंड : ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड ने टी20 विश्व कप के प्रारूप पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह अजीबोगरीब है कि उनकी टीम का बेहतर रन रेट सुपर 8 चरण में कोई मायने नहीं रखेगा। टी20 विश्व कप में इस बार 20 टीम भाग ले रही हैं जिन्हें पांच पांच टीम के चार ग्रुप में बांटा गया है। प्रत्येक ग्रुप से शीर्ष पर रहने वाली दो टीम सुपर 8 में जगह बनाएंगी जहां इन टीमों को दो ग्रुप में बांटा जाएगा। इनमें से प्रत्येक ग्रुप में शीर्ष पर रहने वाली दो टीम सेमीफाइनल में जगह बनाएंगी। इस बार टी20 विश्व कप का प्रारूप पिछली बार से भिन्न है। 

पिछली बार चोटी की टीमों ने सुपर 12 चरण से अपने अभियान की शुरुआत की थी। टीमों को छह-छह के दो ग्रुप में बांटा गया था तथा प्रत्येक ग्रुप से शीर्ष पर रहने वाली दो टीम सेमीफाइनल में पहुंची थी। ऑस्ट्रेलिया ने मंगलवार को नामीबिया को 9 विकेट से करारी शिकस्त दी जिससे उसका नेट रन रेट प्लस 3.580 पर पहुंच गया। इस जीत से ऑस्ट्रेलिया ने सुपर 8 में भी अपनी जगह पक्की की। 

हेजलवुड ने मैच के बाद कहा, ‘यह वास्तव में थोड़ा अजीब है क्योंकि ऐसा होता नहीं है। मैंने जितने विश्व कप खेले हैं उनमें संभवत: यह पहला टी20 विश्व कप है जिसका प्रारूप इस तरह से तैयार किया गया है। इसलिए यह थोड़ा भिन्न है।' उन्होंने कहा, ‘यह इस तरह का प्रारूप है कि इसमें पहले चरण में आप कितना भी अच्छा प्रदर्शन करो या आप अजेय रहते हुए बेहतर नेट रन रेट के साथ आगे बढ़ो तो भी सुपर 8 में वह खास मायने नहीं रखेगा। इसलिए यह थोड़ा अजीब है लेकिन इसको इसी तरह से तैयार किया गया है।'