नई दिल्ली : भारत की लंबी दूरी की धाविका अर्चना जाधव पर जनवरी में डोप परीक्षण में विफल रहने के कारण मंगलवार को चार साल का प्रतिबंध लगा दिया गया। अर्चना ने बार-बार याद दिलाने पर भी डोप परीक्षण में असफल रहने के खिलाफ अपील नहीं की जिससे विश्व एथलेटिक्स ने यह मान लिया कि वह अपना अपराध स्वीकार करती है और इसलिए उस पर प्रतिबंध लगा दिया।
विश्व एथलेटिक्स की एथलीट इंटीग्रिटी यूनिट (एआईयू) के अनुसार जाधव का जो नमूना पिछले साल दिसंबर में पुणे हाफ-मैराथन के दौरान लिया गया था, उसमें प्रतिबंधित पदार्थ ऑक्सेंड्रोलोन था। यह सिंथेटिक एनाबॉलिक स्टेरॉयड शरीर में प्रोटीन उत्पादन और मांसपेशियों के निर्माण में मदद करता है। प्रतिबंध सात जनवरी से लागू हुआ। जाधव इस अवधि के लिए अस्थायी तौर पर निलंबित थी।
15 दिसंबर 2024 से उनके सभी परिणाम अयोग्य माने जाएंगे और उन्हें इस अवधि के लिए सभी पुरस्कार, पदक, अंक, पुरस्कार और उपस्थिति राशि जमा करने होंगे। उन्होंने 25 फरवरी को एआईयू को एक ईमेल में उल्लंघन के आरोप का जवाब देते हुए कहा था, ‘मुझे बेहद खेद है सर...मैं आपके फैसले का स्वागत करती हूं।'
एआईयू ने कहा कि इस संवाद को लेकर उसकी समझ यह थी कि जाधव को सुनवाई की आवश्यकता नहीं थी और वह निकाय से निर्णय से संतुष्ट थी। एआईयू ने कहा कि फिर भी जाधव को सूचित किया गया कि उनके पास यह स्वीकार करने के लिए तीन मार्च तक का समय है कि उन्होंने डोपिंग रोधी नियम का उल्लंघन किया है।
इसके बाद भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने 28 फरवरी को उन्हें इसकी याद दिलाई। हालांकि, एआईयू को जाधव से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। उन्होंने आखिरी बार अक्टूबर 2024 में दिल्ली हाफ मैराथन में भाग लिया था, जिसमें भारतीय महिला खिलाड़ियों में लिली दास, कविता यादव और प्रीति लांबा के पीछे चौथे स्थान पर रहीं थी। जाधव का 10,000 मीटर में व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 35:44.26 और हाफ मैराथन में 1:20:21 है। 3,000 मीटर में उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 10:28.82 है।