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हांगझोउ : पूल चरण में आसान मुकाबलों में एकतरफा जीत दर्ज करने वाली भारतीय पुरूष हॉकी टीम के सामने बुधवार को एशियाई खेलों के सेमीफाइनल में दक्षिण कोरिया जैसी खतरनाक टीम के रूप में पहली कड़ी चुनौती होगी। खिताब की प्रबल दावेदार दुनिया की तीसरे नंबर की भारतीय टीम ने पूल चरण में पांच मैचों में 58 गोल किए और सिर्फ पांच गोल गंवाए हैं। 

पेरिस ओलंपिक का कोटा हासिल करने के इरादे से उतरी हरमनप्रीत सिंह की टीम ने उजबेकिस्तान को 16.0 से, सिंगापुर को 16.1, पाकिस्तान को 10.2, गत चैम्पियन जापान को 4.2 और बांग्लादेश को 12.0 से हराया। पिछली बार 2018 एशियाई खेलों में भी भारत की स्थिति समान थी लेकिन सेमीफाइनल में मलेशिया ने उसे शूटआउट में 7.6 से हरा दिया था। भारत ने आखिरी बार एशियाई खेलों में स्वर्ण 2014 में इंचियोन में जीता था जबकि कोरया ने आखिरी बार दोहा में 2006 में खिताब हासिल किया था। 

भारतीय कप्तान हरमनप्रीत ने कहा, ‘हमने शानदार शुरूआत की है जिससे आत्मविश्वास काफी बढ़ा है। हम सकारात्मक सोच के साथ सेमीफाइनल में उतरेंगे।' उन्होंने कहा, ‘लेकिन हमें सावधान रहना होगा कि विरोधी टीम को हलके में नहीं लें और पूरी तैयारी के साथ उतरें।' अब तक 12 गोल कर चुके हरमनप्रीत खुद जबर्दस्त फॉर्म में हैं। शुरूआत में भारत को पेनल्टी कॉर्नर में दिक्कत आई लेकिन अब हरमनप्रीत, वरूण कुमार और अमित रोहिदास ने फॉर्म हासिल कर लिया है। भारत के लिए मनदीप सिंह, ललित उपाध्याय, गुरजंत सिंह और अभिषेक ने फील्ड गोल भी दागे हैं। 

अभिषेक ने सभी मैचों में प्रभावित किया है। ओलंपिक पदक विजेता कप्तान मनप्रीत सिंह, हार्दिक सिंह और नीलाकांता शर्मा भी प्रभावी रहे हैं। कोच क्रेग फुल्टोन को हालांकि चिंता इस बात की होगी कि अभी तक के मैचों में उनकी रक्षापंक्ति का ‘कठिन टेस्ट' नहीं हुआ है। जापान के खिलाफ मैच को छोड़कर भारतीय रक्षापंक्ति को कोई चुनौती नहीं मिल सकी है। पूल चरण में भारतीय गोलकीपर पी आर श्रीजेश और कृशन बहादुर पाठक दर्शक बने रहे। 

हरमनप्रीत ने कहा, ‘हमें पता है कि कोरिया की ताकत क्या है और डिफेंस में वे क्या कर सकते हैं। हमारे पास भी मजबूत टीम है और हमें उन्हें हावी होने का कोई मौका नहीं देना है।' इस साल एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी में भारत ने कोरिया को 3.2 से हराया। पिछले साल एशिया कप में दोनों का मैच 4.4 से ड्रॉ रहा था।