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नई दिल्ली : भारतीय फुटबॉल टीम 19 मई को कतर के लिए रवाना होगी क्योंकि इस देश ने भारतीय टीम को राहत देते हुए अगले महीने होने वाले 2022 विश्व कप क्वालीफायर से पहले खिलाडिय़ों की वहां ट्रेनिंग का अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है। इतना ही नहीं कतर ने भारतीय दल के वहां पहुंचने के लिए 10 दिन के अनिवार्य पृथकवास से छूट देने का एआईएफएफ का आग्रह भी मान लिया है। भारतीय टीम तीन जून को पहले मुकाबले पूर्व जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में लगभग दो हफ्ते के तैयारी शिविर में हिस्सा लेगी।

एआईएफएफ के महासचिव कुशाल दास ने कहा- हम 19 मई की शाम को टीम को भेजने की योजना बना रहे हैं। पृथकवास से नहीं गुजरना होगा और वे जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में रहेंगे। दास ने कहा कि खिलाड़ी नयी दिल्ली में जुटेंगे और कतर के लिए रवाना होने से पहले उनका कोविड-19 परीक्षण होगा। भारत पहले ही 2022 फीफा विश्व कप में जगह बनाने की दौड़ से बाहर हो चुका है लेकिन इन संयुक्त क्वालीफायर में अब भी 2023 एशियाई कप में जगह बनाने की दौड़ में है। एशियाई कप क्वालीफिकेशन में भारत को अभी कतर (तीन जून), बांग्लादेश (सात जून) और अफगानिस्तान (15 जून) के खिलाफ तीन मुकाबले खेलने हैं।

एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफसी) ने कोरोना वायरस महामारी के कारण यात्रा और पृथकवास पाबंदियों को देखते हुए मार्च में कतर को ग्रुप ई के बाकी बचे मैचों के आयोजक के रूप में चुना था। दास ने बुधवार को कहा था कि राष्ट्रीय टीम देश में कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण यहां ट्रेनिंग नहीं कर सकती और वे विश्व कप क्वालीफाइंग मुकाबलों से पहले विदेश में शिविर के विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। भारतीय टीम अभी पांच मैचों में तीन अंक के साथ ग्रुप तालिका में चौथे स्थान पर चल रही है।

भारतीय टीम बाकी बचे मैचों से अधिकतम अंक जुटाना चाहेगी जिससे कि शीर्ष तीन में जगह बनाकर 2023 एशियाई कप क्वालीफाइंग तीसरे दौर के लिए स्वत: क्वालीफाई कर सके। मार्च में भारत ने दुबई में ओमान और यूएई के खिलाफ मैत्री मैच के रूप में नवंबर 2019 के बाद अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था। भारत ने ओमान को 25 मार्च को 1-1 से बराबरी पर रोका था लेकिन यूएई के खिलाफ 29 मार्च को उसे 0-6 से करारी हार का सामना करना पड़ा।