Sports

बेंगलुरु : भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने मंगलवार को कहा कि विश्व कप के लिए चौथे और पांचवें नंबर के बल्लेबाज 18 महीने पहले ही तय कर लिए गए थे लेकिन तीन प्रमुख बल्लेबाजों के चोटिल होने से उनकी रणनीति गड़बड़ा गई। द्रविड़ ने कहा कि श्रेयस अय्यर, केएल राहुल और ऋषभ पंत जैसे खिलाड़ियों के चोटिल होने से टीम प्रबंधन को हाल के मैचों में मध्यक्रम में अन्य खिलाड़ियों को आजमाना पड़ा और यह केवल प्रयोग नहीं थे। 

द्रविड़ ने एशिया कप के लिए टीम की रवानगी से पूर्व संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘चौथे और पांचवें नंबर के बल्लेबाजों को लेकर काफी चर्चा चल रही है और ऐसा लग रहा है जैसे कि हमारे पास इसको लेकर स्पष्टता नहीं है कि इन नंबरों पर कौन बल्लेबाजी करेगा। मैं आपको 18-19 महीने पहले बता सकता था कि इन दो स्थानों पर कौन से तीन खिलाड़ी बल्लेबाजी करेंगे।' 

उन्होंने कहा, ‘श्रेयस अय्यर, केएल राहुल और ऋषभ पंत में से किन्हीं दो खिलाड़ियों को इन नंबरों पर बल्लेबाजी के लिए उतरना था और इसमें किसी तरह का संदेह नहीं था।' द्रविड़ ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण था कि ये तीनों खिलाड़ी दो महीने के अंदर चोटिल हो गए। हमने इन दो स्थानों के लिए जिन तीन खिलाड़ियों के नाम तय किये थे वे सभी गंभीर रूप से चोटिल हो गए और उन्हें आपरेशन करवाना पड़ा।' 

उन्होंने कहा, ‘आपको परिस्थितियों के अनुसार चलना पड़ता है और इन स्थानों पर अन्य खिलाड़ियों को आजमाकर देखना पड़ता है कि कौन इन पर फिट बैठ सकता है। विश्वकप पास में है और अगर वह फिट नहीं होते हैं तो ऐसी किसी परिस्थिति के लिए हमने अन्य खिलाड़ियों को आजमाया।' पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, ‘यह शब्द (प्रयोग) बिना सोचे समझे इधर-उधर उछाला जा रहा है। हम प्रयोग के लिए प्रयोग नहीं कर रहे हैं इसके कुछ ठोस कारण हैं।' 

पंत पिछले साल दिसंबर में कार दुर्घटना में चोटिल हो गए थे जबकि अय्यर और राहुल क्रमश: पीठ और जांघ की चोट के कारण मार्च और मई में बाहर हो गए थे। इन दोनों को अब एशिया कप के लिए टीम में चुना गया है हालांकि राहुल इस टूर्नामेंट के पहले दो मैचों से बाहर रहेंगे। द्रविड़ ने इसके साथ ही कहा कि उपमहाद्वीप की टीमों को अब घरेलू परिस्थितियों का बहुत कम लाभ मिलता है क्योंकि आईपीएल में खेलने के कारण विदेशी खिलाड़ी इनसे अच्छी तरह से वाकिफ हो गए हैं। 

उन्होंने कहा, ‘उपमहाद्वीप में घरेलू परिस्थितियों का लाभ पिछले 10-12 वर्षों से बहुत कम मिल रहा है। विदेशी खिलाड़ियों को आईपीएल जैसे टूर्नामेंटों के कारण यहां खेलने का काफी मौका मिल रहा है जिससे वे परिस्थितियों से अच्छी तरह वाकिफ हो जाते हैं।'