मेलबर्न : ऑस्ट्रेलियाई नवोदित सैम कोन्स्टास (Sam Konstas) ने स्वीकार किया कि अगर वह भारतीय के खिलाफ उस रैंप शॉट पर आउट हो जाते तो वह मूर्ख लगते। उन्हें लगता है कि प्रमुख तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के खिलाफ यह एक सुरक्षित शॉट है। कॉन्स्टास ने गुरुवार को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज के चौथे टेस्ट में नाथन मैकस्वीनी की जगह डेब्यू किया। 19 वर्षीय खिलाड़ी ने बुमराह के खिलाफ अपने निडर स्ट्रोक खेल से अंतरराष्ट्रीय मंच पर तुरंत प्रभाव डाला। 65 गेंद तक क्रीज पर रहने के दौरान दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 6 चौके और 2 छक्के लगाए।
पारी के 7वें ओवर में ऑस्ट्रेलियाई किशोर ने बुमराह के खिलाफ रैंप शॉट लगाए और 4, 6 और 4 रन हासिल किए। पिछले 4 वर्षों के दौरान अपने पिछले 25 टेस्ट मैचों में भारतीय दिग्गज बुमराह को छक्का नहीं लगा था। लेकिन मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में कोन्स्टास ने ऐसा दो बार किया। कोन्स्टास ने दिन के खेल के बाद संवाददाताओं से कहा कि जाहिर तौर पर वह खेल का एक दिग्गज खिलाड़ी है, इसलिए मैं उस पर थोड़ा दबाव बनाने की कोशिश कर रहा था और आज इसका फायदा मिला। मैं हमेशा खुद को चुनौती देता रहता हूं, खुद से सर्वश्रेष्ठ लाने की कोशिश करता हूं इसलिए बस उसके साथ वह मुकाबला कर रहा हूं। मैं पहली बार उसका सामना कर रहा था। उसने कई बार मेरे बल्ले को पीटा। मैं काफी भाग्यशाली था कि बच निकला।
रैंप और रिवर्स रैंप शॉट्स पर कोन्स्टास ने कहा कि अगर मैं आउट हो गया तो शायद यह मूर्खतापूर्ण लगेगा। मैंने उस शॉट पर बहुत मेहनत की है। मुझे लगता है कि यह शायद मेरे लिए वास्तव में एक सुरक्षित शॉट है। कॉन्स्टास ने कहा कि मैं बस गेंदबाज पर सबसे अच्छे तरीके से दबाव बनाने की कोशिश कर रहा हूं। वहीं, कोहली के साथ विवाद पर उन्होंने कहा कि मैं बस अपने दस्ताने पहन रहा था और मुझे लगता है कि उसने गलती से मुझे टक्कर मार दी। यह सिर्फ क्रिकेट है, तनाव है। मेरे लिए, बस वह स्वतंत्रता है, खुद का समर्थन करना और प्रत्येक गेंद पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना। (मैं) भाग्यशाली था कि आज कुछ रन बना सका।
कॉन्स्टास, जिन्होंने इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री एकादश मैच में भारतीय टीम के खिलाफ शानदार शतक बनाया था, ने खुलासा किया कि उनका आत्मविश्वास उनके कप्तान और साथियों द्वारा उन पर जताए गए भरोसे से उपजा है। ऑस्ट्रेलियाई सेटअप में किशोर को घर जैसा महसूस हुआ, जिससे उसे अपना स्वाभाविक खेल खेलने का मौका मिला। कप्तान (पैट कमिंस) वास्तव में मेरे लिए अच्छे रहे हैं, बस इतना ही कह रहे हैं कि मैं अपने जैसा बनूं और मैं यहां एक कारण से हूं क्योंकि मैं रन बना रहा हूं। मुझे लगा कि आज ऐसा करने का यही सही समय है और हां, इसका फल मिला।