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स्पोर्ट्स डेस्क(राहुल): कोई भी क्रिकेटर चाहे जितनी बड़ी उपलब्धियां हासिल कर ले, लेकिन जब वह कोई गलती बार-बार दोहराता है तो सवाल उठना लाजमी हो जाते हैं। विराट कोहली ने भी इस साल अपनी बल्लेबाजी के दम पर कई मैच टीम को जितवाए पर साथ में बताैर कप्तान कुछ गलतियां करते हुए गंवाए भी हैं। आइए डालें 2018 में हुए उन 5 टेस्ट मैचों पर एक नजर जिसमें कोहली के कुछ गलत फैसलों के कारण भारत 2 सीरीज हार गया।

साउथ अफ्रीका के खिलाफ 2 मैचों में गलत फैसले

साल की शुरूआत में भारतीय टीम 3 टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए अफ्रीका दाैरे पर थी। 5 जनवरी को केपटाउन में हुए पहले मैच की प्लेइंग इलेवन में रोहित शर्मा को जगह दी गई जो पहली पारी में 11 और दूसरी पारी में 10 रन ही बना सके। भारत यह मुकाबला 72 रनों से हार गया। इस मैच में उप-कप्तान अजिंक्या रहाणे को टीम में शामिल ना करना कोहली का गलत फैसला रहा था। इसके कारण उनकी खूब आलोचना हुई थी। रहाणे ने अफ्रीका के खिलाफ इस दाैरे से पहले 6 टेस्ट खेले थे जिसमें 59.37 की औसत से 475 रन बनाए थे, जिसमें 2 शतक और 2 अर्धशतक शामिल रहे थे। लेकिन बावजूद इसके कोहली ने रोहित पर भरोसा जताया और परिणाम यह रहा कि भारत सीरीज में 1-0 से पिछड़ गया।
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दूसरा- कोहली ने जो गलती पहले मैच में की वैसी ही सेंचुरियन में दूसरे टेस्ट के दाैरान की। परिणाम यह निकला कि भारत दूसरा मैच भी 135 रनों से हार गया। इसी के साथ भारत अफ्रीका में टेस्ट सीरीज जीतने से चूक गया। कोहली की रणनीति पर फिर सवाल उठे। इस मैच में कोहली ने तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार को बाहर कर सबको चाैंका दिया। उन्हें क्यों बाहर किया, इसका जवाब कप्तान साहब नहीं दे पाए। भुवनेश्वर ने पहले मैच में 6 विकेट लिए थे और साथ में 9वें नंबर पर पहली पारी में 25 और दूसरी में नाबाद 13 रन बनाए थेे। रहाणे को बाहर रखने और भुवनेश्वर को भी बाहर रखने के फैसले से भारत 2-1 सीरीज गंवा बैठा। भारत ने आखिरी मैच जीता था जिसमें रहाणे शामिल थे।
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इंग्लैंड के खिलाफ 3 गलतियां, नतीजा- 4-1 से सीरीज गंवाई
पहला मैच, गलती- पुजारा को बाहर करना

अगस्त की शुरूआत में भारत ने इंग्लैंड में 5 टेस्ट मैचों की सीरीज खेली। पहला मुकाबला 1 से 5 अगस्त के बीच बर्मिंघम में खेला गया। सीरीज के पहले मैच से चेतेश्वर पुजारा को बाहर कर दिया। कारण था उन्हें बाकी मैचों की तैयारी के लिए काउंटी खेलने की अनुमति देना, लेकिन बाजी उल्टी पड़ गई। भारतीय गेंदबाजों ने इंग्लैंड पर लगाम तो कसी पर बल्लेबाज पुजारा के बिना कुछ कर ना सके। नतीजा यह रहा कि भारत 31 रनों से हार गया। हार के बाद कोहली समेत कोच पर भी सवाल उठने लगे कि आखिर क्यों उन्होंने पुजारा को टीम में शामिल नहीं किया।
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चाैथा मैच, गलती- जडेजा को शामिल ना करना

इंग्लैंड 2-1 की बढ़त बना चुका था। भारत को हर हाल में साउथम्प्टन में चाैथा टेस्ट जीतना था लेकिन कोहली फिर से पलेइंग इलेवन सेट करने में नाकाम रहे। साउथम्प्टन की पिच तेज गेंदबाजों के लिए ज्यादा मददगार नहीं थी। यह देख इंग्लैंड ने आदिल राशिद और मोईन अली को उतारा तो वहीं कोहली 4 तेज गेंदबाजों के साथ उतरे आैर स्पिनर के ताैर पर अश्विन को ही शामिल किया। उनको चाहिए था कि जडेजा को भी एक तेज गेंदबाज की जगह शामिल करना चाहिए ताकि दोनों स्पिनर विकेट निकाल सकें। अश्विन अकेले कुछ कर ना सके जबकि लियोन ने राशिद के सहयोग से 9 विकेट निकाल भारतीय टीम को नानी याद करवा दी। भारत यह मुकाबला हारते ही सीरीज भी हार गया। इसके बाद कोहली की खूब आलोचना हुई थी आैर कहा जाने लगा कि वह धोनी की तरह प्लेइंग इलेवन नहीं बना सकते।
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