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अलूर : पश्चिम क्षेत्र की टीम बुधवार से जब यहां मध्य क्षेत्र के खिलाफ दलीप ट्रॉफी सेमीफाइनल में उतरेगी तो सभी की नजरें चेतेश्वर पुजारा और पृथ्वी शॉ जैसे खिलाड़ियों पर होंगी जो एक बार फिर चयनकर्ताओं को प्रभावित करने का प्रयास करेंगे। पश्चिम क्षेत्र ने इस मुकाबले के लिए पुजारा, पृथ्वी, सूर्यकुमार यादव और सरफराज खान को टीम में शामिल किया है और इन चारों के करियर के लिए यह टूर्नामेंट काफी महत्वपूर्ण हो सकता है। 

भारत के लिए 103 टेस्ट में 7000 से अधिक रन बनाने वाले पुजारा ने अपने करियर में कई शानदार पारियां खेली हैं लेकिन वेस्टइंडीज दौरे के लिए उन्हें भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले महीने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में नाकाम रहने के बाद उन्हें भारतीय टेस्ट टीम में जगह नहीं मिली। वह दलीप ट्रॉफी के दौरान एक बार फिर खुद को साबित करने का प्रयास करेंगे। पृथ्वी और सरफराज भी चयनकर्ताओं को प्रभावित करना चाहेंगे। इन दोनों के हालांकि भारतीय टीम से बाहर होने के कारण क्रिकेट के इतर के भी हैं। 

इसमें कोई संदेह नहीं कि पृथ्वी में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। आखिर ऐसे लोगों की संख्या काफी अधिक नहीं है जिन्होंने रणजी ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी और टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करते हुए शतक जड़े हों। उनकी अगुआई में भारत ने 2018 में आईसीसी अंडर-19 विश्व कप खिताब भी जीता था। लेकिन तब से यह 23 वर्षीय बल्लेबाज पांच टेस्ट, छह एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय और एक टी20 अंतरराष्ट्रीय ही खेल पाया है। इस साल जनवरी में रणजी ट्रॉफी में असम के खिलाफ 383 गेंद में 379 रन की पारी के बावजूद पृथ्वी भारतीय टीम में जगह बनाने की दौड़ में पिछड़ गए हैं। मैदान के बाहर उनकी अनुशासनहीनता भी सवालों के घेरे में आई है। 

पृथ्वी ने हाल में नार्थम्पटनशर के साथ भी करार किया है और वह इंग्लैंड की अपनी इस काउंटी टीम की ओर से तथा दलीप ट्रॉफी में अच्छे प्रदर्शन से चयनकर्ताओं को प्रभावित करने का प्रयास करेंगे। सरफराज की कहानी भी पृथ्वी जैसी ही है। उन्होंने भी घरेलू क्रिकेट में ढेरों रन जुटाए हैं। वह उन चुनिंदा बल्लेबाजों में शामिल हैं जिन्होंने लगातार दो रणजी ट्रॉफी सत्र (2020-21, 2021-22) में 900 से अधिक रन बनाए। 

प्रथम श्रेणी में उनका औसत 79 से कुछ अधिक है। इससे बेहतर औसत सिर्फ सर डॉन ब्रैडमैन का है। यहां तक कि पिछले घरेलू सत्र में उन्होंने 92.66 की औसत से रन बनाए और वेस्टइंडीज दौरे के लिए भारतीय टीम में उनका चयन नहीं होने पर काफी सवाल उठे। लेकिन मैदान के बाहर के बर्ताव और फिटनेस के खराब स्तर ने फिलहाल भारतीय टीम में उनका रास्ता रोका हुआ है। यहां एक और बड़ी पारी से शायद उनकी राह कुछ आसान बने। 

दूसरी तरफ सूर्यकुमार सफेद गेंद की भारतीय टीम का अहम हिस्सा रहे हैं लेकिन मुंबई का यह बल्लेबाज लंबे प्रारूप में इस सफलता को दोहराने में नाकाम रहा है। फरवरी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नागपुर में पदार्पण करते हुए सूर्यकुमार विफल रहे। वह दलीप ट्रॉफी में बड़ी पारी खेलकर साबित करना चाहेंगे कि वह सभी प्रारूप के खिलाड़ी हैं। ये सभी खिलाड़ी अगर अपने निजी लक्ष्यों के साथ टीम के लिए एकजुट होकर खेलते हैं तो अगले चार दिन रोमांचक क्रिकेट देखने को मिल सकता है। 

टीम इस प्रकार है : 

मध्य क्षेत्र : शिवम मावी (कप्तान), उपेन्द्र यादव, विवेक सिंह, हिमांशु मंत्री, कुणाल चंदेला, शुभम शर्मा, अमनदीप खरे, रिंकू सिंह, अक्षय वाडकर, ध्रुव जुरेल, सौरभ कुमार, मानव साथर, सारांश जैन, आवेश खान ,यश ठाकुर। 

पश्चिम क्षेत्र : प्रियांक पांचाल (कप्तान), यशस्वी जयसवाल, रुतुराज गायकवाड़, सूर्यकुमार यादव, चेतेश्वर पुजारा, हार्विक देसाई, पृथ्वी साव, हेत पटेल, सरफराज खान, अर्पित वसावदा, अतीत सेठ, शम्स मुलानी, युवराज डोडिया, धर्मेंद्रसिंह जाडेजा, चेतन सकारिया, चिंतन गजा, अरजान नागवासवाला। 

समय : मैच सुबह 9:30 बजे शुरू होगा।