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नई दिल्ली : बरसों बाद भारतीय पुरूष हॉकी टीम ओलंपिक में पदक विजेता के रूप में उतरेगी और अपेक्षाओं के दबाव को ऊर्जा का स्रेात मानने वाले अनुभवी गोलकीपर पी आर श्रीजेश ने कहा कि टीम का फोकस प्रदर्शन में निरंतरता पर है जो ओलंपिक में कामयाबी की कुंजी साबित होता है। श्रीजेश ने कहा कि पिछली बार तक सभी बोलते थे कि हमारा हॉकी में गौरवशाली इतिहास है और हमें ओलंपिक में पदक जीतना है। इस बार हमारे पास पदक है और अपेक्षाएं बढ़ गई है और हमने उसके बाद से अच्छा प्रदर्शन भी किया है। यह सकारात्मक दबाव है और याद दिलाता है कि हम पदक जीतने में सक्षम हैं।

 

केरल के इस गोलकीपर ने कहा कि हमारी टीम का मंत्र है कि आउटसोर्स दबाव को बाहर ही रखो, उसे भीतर लेकर मत आओ। दबाव हम खुद बनाते हैं, परिवार का, महासंघ का, दर्शकों का, मीडिया का या फिर सोशल मीडिया का। लेकिन हम उसे टीम में नहीं लाते और अपने खेल पर फोकस रखते हैं। अपनी ताकत, कमजोरियां, लक्ष्य बस इस बारे में ही सोचते हैं। 


अपने कैरियर में 16 अंतरराष्ट्रीय पदक जीत चुके पद्मश्री श्रीजेश ने कहा कि दबाव ओलंपिक का हिस्सा है लेकिन हम उसे सकारात्मक लेकर ऊर्जा का स्रोत के रूप में इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 4 साल में टीम में और कोचिंग स्टाफ में बदलाव हुआ और माहौल भी बदला है। लेकिन लक्ष्य एक ही है कि हमें ओलंपिक पदक जीतना है और वही सभी के दिमाग है। कई बार निचली रैंकिंग की टीम से हमें कड़ी चुनौती मिली है लिहाजा हम निरंतरता पर फोकस कर रहे हैं। ओलंपिक में पहले दिन से आखिरी दिन तक हॉकी के मैच होते हैं। पिछले मैच को भुलाकर तुरंत अगले मैच पर फोकस करना जरूरी होगा और यही निरंतरता काम आएगी। 
 

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