सिडनी : भारत के पूर्व कोच ग्रेग चैपल का मानना है कि जसप्रीत बुमराह में डेनिस लिली, एंडी रॉबर्ट्स और रिचर्ड हैडली जैसे तेज गेंदबाज के गुण मौजूद हैं लेकिन वह अपनी खुद की ऐसी विरासत तैयार कर रहे हैं जो तेज गेंदबाजों की भावी पीढ़ियों को प्रेरित करेगी। उन्होंने कहा कि बुमराह ‘बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी' और ऑस्ट्रेलिया के बीच खड़े एकमात्र खिलाड़ी हैं।
चैपल ने लिखा, ‘बुमराह का कौशल का संयोजन उन्हें अलग कतार में खड़ा करता है। उनके पास (मैल्कम) मार्शल की परिस्थितियों से सामंजस्य बैठाने की क्षमता, लिली की आक्रामकता, रिचर्ड हैडली का नियंत्रण, रॉबर्ट्स की रणनीति, वसीम (अकरम) और वकार (यूनिस) की रिवर्स स्विंग, (ग्लेन) मैक्ग्रा की सटीकता, (डेल) स्टेन की विस्फोटकता , और (कैगिसो) रबाडा की आधुनिक बहुमुखी प्रतिभा का मिश्रण है।'
उन्होंने कहा, ‘जैसा की नासिर हुसैन ने कहा, ‘वह एक पूर्ण गेंदबाज है'। उसकी पीठ की सर्जरी हुई है और यह पता नहीं है कि उसका करियर कितना लंबा चलेगा लेकिन अगर उसने इसी तरह से गेंदबाजी जारी रखी तो उसका नाम भी इन चैम्पियन गेंदबाजों की तरह लिया जाएगा।'
बुमराह ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पांच मैचों की श्रृंखला के शुरुआती टेस्ट में मौजूदा दौर के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज की अपनी साख को मजबूत करते हुए भारत को 295 रन से जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने इस मैच में टीम की कप्तानी भी की थी। उन्होंने कहा, ‘गुजरे जमाने के दिग्गजों ने नींव स्थापित की तो वहीं बुमराह अपनी खुद की विरासत बना रहा है। एक ऐसी विरासत जो तेज गेंदबाजों की भावी पीढ़ियों को प्रेरित करने का माद्दा रखती है।'
ऑस्ट्रेलिया के इस पूर्व कप्तान ने कहा कि बुमराह की घातक यॉर्कर और अस्थिर उछाल ने मैदान पर लिली की आक्रामकता की यादें ताजा कर दीं। उन्होंने कहा, ‘लिली किसी योद्धा की तरह थे। उनके पास आक्रमकता और मनोवैज्ञानिक बढ़त बनाने का शानदार संयोजन था। मैंने घरेलू क्रिकेट में कई बार उनका सामना किया और अपने युग के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों के खिलाफ उन्हें करीब से परखा है।'
चैपल ने कहा, ‘लिली के पास लंबे समय तक बल्लेबाज को परेशान करने वाली एक लाइन-लेंथ में गेंदबाजी करने की क्षमता थी। बुमराह इस मामले में थोड़े पीछे है लेकिन अलग तरह की गेंदबाजी एक्शन से वह कारगर यॉर्कर और और बाउंसर से बल्लेबाज को परेशान कर लिली की बराबरी करते हैं।' उन्होंने कहा, ‘बुमराह रॉबर्ट्स के दिमागी चपलता को साझा करते हैं। दोनों गेंदबाज बल्लेबाजों को चकमा देने के लिए विविधताओं का उपयोग करते हैं। रॉबर्ट्स की तरह बुमराह भी ताकत के बजाय रणनीति पर भरोसा करते हैं।'
उन्होंने कहा, ‘बुमराह ने सिर्फ 30 टेस्ट में 21.03 की औसत से 151 विकेट लिए है। विभिन्न परिस्थितियों में उत्कृष्टता हासिल करने की उनकी क्षमता मार्शल के प्रभुत्व की याद दिलाती है। बुमराह के पास पुरानी गेंद से रिवर्स स्विंग के साथ गेंद को सिम और स्विंग करने की कमाल की क्षमता है। मार्शल के विरुद्ध बल्लेबाजों को इसी तरह की अनिश्चितता का सामना करना पड़ता था।'
चैपल ने कहा, ‘जैसा कि इयान बॉथम ने मार्शल के बारे में प्रसिद्ध टिप्पणी की थी कि वह आपको कोई राहत नहीं देते है। आज बल्लेबाज भी बुमराह के बारे में ऐसी ही भावनाएं व्यक्त करते हैं।' हैडली से तुलना करते हुए चैपल ने कहा, ‘बुमराह की सटीक गेंदबाजी की तुलना हेडली से की जाती है। इंग्लैंड की परिस्थितियों में उनकी महारत है। वहां उनका औसत 22.02 है और अगर उन्हें परिस्थितियों का थोड़ा भी साथ मिलता है तो वह किसी भी बल्लेबाजी आक्रमण को तहस नहस कर सकता है। वह वर्तमान में भारतीय तेज आक्रमण को उसी तरह से संभाल रहे हैं, जैसा कि हेडली ने अपने युग में न्यूजीलैंड के लिए किया था।'