स्पोर्ट्स डेस्क : पेरिस ओलंपिक खेलों में भारत की छह सदस्यीय कुश्ती टीम में पदक जीतने वाले एकमात्र खिलाड़ी अमन सेहरावत के घर के बाहर ब्रांडों की कतार लगी है जो उन्हें साइन करना चाहते हैं। उनके लिए उपयुक्त ब्रांड चुनने की चुनौती है। अमन ने 57 किग्रा. कुश्ती वर्ग में कांस्य पदक जीता है। दर्द निवारक, बीमा, डेयरी, परिधान और फुटवियर, एनर्जी ड्रिंक और पीवीसी पाइप जैसी विविध श्रेणियों से एक दर्जन ब्रांड पहले ही आईओएस स्पोर्ट्स एंड एंटरटेनमेंट (IOSSE) से संपर्क कर चुके हैं, जो प्रतिभा प्रबंधन संगठन है जिसने सेहरावत को उनके ओलंपिक अभियान से तीन महीने पहले ही साइन किया था।
IOSSE ने चल रहे सौदों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि 21 वर्षीय यह खिलाड़ी 'ताकत, युवापन और जबरदस्त बैकस्टोरी' लेकर आया है। प्रोइंटेक ग्लोबल इनोवेशन की सीईओ और निदेशक राम्या चटर्जी कहती हैं, 'सेहरावत ब्रांडों के लिए प्रेरणा और प्रासंगिकता का सही मिश्रण पेश करते हैं।' दिलचस्प बात यह है कि 9 अगस्त से पहले सेहरावत के पास एक भी ब्रांड एंडोर्समेंट डील नहीं थी। उद्योग के अनुमान के अनुसार अब वे हर एंडोर्समेंट डील से 50-60 लाख रुपए कमा रहे हैं।
केजे सोमैया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में मार्केटिंग और इंटरनेशनल बिजनेस की एसोसिएट प्रोफेसर अंजलि चोपड़ा कहती हैं, 'प्रशंसक उन एथलीटों से अधिक जुड़े हुए हैं जो आगे बढ़ रहे हैं, खासकर युवा दर्शक जो एथलीट का अनुसरण करते हैं और उसका समर्थन करते हैं।' बीसी वेब वाइज की संस्थापक और एमडी छाया बरध्वज कहती हैं कि सेहरावत के साथ एक वास्तविक और दीर्घकालिक साझेदारी बनाने पर ध्यान केंद्रित करके, ब्रांड खुद को उनके एथलेटिक सफर में सहयोगी के रूप में स्थापित कर सकते हैं। यह दृष्टिकोण न केवल उत्साह की वर्तमान लहर का लाभ उठाता है, बल्कि स्पॉटलाइट से परे एथलीट के प्रति प्रतिबद्धता भी प्रदर्शित करता है।'
एक संभावित एंडोर्सर के साथ जल्दी जुड़ना एक जोखिम भरा काम है, जो इसके लायक है। मैजिक सर्कल के संस्थापक और पब्लिसिस कैपिटल के पूर्व सीईओ हेमंत मिश्रा कहते हैं कि जैसे-जैसे पदकों की संख्या बढ़ती है, एथलीट कई ब्रांडों का समर्थन करते हैं, जिससे प्रभाव सीमित हो जाता है।