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स्पोर्ट्स डैस्क : स्पिन गेंदबाजों की मददगार वीसीए स्टेडियम की पिच पर रविचंद्रन अश्विन की अगुवाई वाले गेंदबाजी आक्रमण की बदौलत भारत ने दुनिया की नम्बर एक टेस्ट टीम आस्ट्रेलिया को पहले टेस्ट मैच के तीसरे दिन शनिवार को पारी और 132 रनों से हरा कर ऐतिहासिक जीत अर्जित की। हालांकि, इस जीत के साथ ही भारतीय खेमे के लिए उपयोगी साबित हुए रविंद्र जडेजा मुसीबत में फंस गए। दरअसल, उनपर आईसीसी ने जुर्माना लगाया है साथ ही एक डिमेरिट अंक भी दिया। 

हुआ ऐसा कि नागपुर टेस्ट के पहले दिन अंपायर की अनुमति के बिना जडेजा ने अपने बाएं हाथ की पहली उंगली पर दर्द निवारक क्रीम लगाई। इस कारण जडेजा को एक डिमेरिट अंक दिया गया है। साथ ही उन पर 25 प्रतिशत मैच फीस का जुर्माना लगाया गया है। हालांकि आईसीसी की टीम इस बात से संतुष्ट थी कि जडेजा ने गेंद के साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की थी।

एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह अपने साथी तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज से कुछ लेकर अपने बायें हाथ की तर्जनी ऊंगली पर रगड़ते दिख रहे थे। आस्ट्रेलियाई मीडिया और एक पूर्व खिलाड़ी की यह जानने में काफी दिलचस्पी दिखी कि वह क्या लगा रहे थे लेकिन आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) ने कहा कि यह मलहम ऊंगली पर लगाया गया था जो पूरी तरह से चिकित्सा के उद्देश्य से लगाया गया था और इससे गेंद की स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ था। जडेजा का अंपायर के बिना अनुमति के मलहम लगाने को आईसीसी की खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ के लिये आचार संहिता के अनुच्छेद 2.20 का उल्लंघन माना गया जो खेल भावना के विपरीत व्यवहार करने से संबंधित है। 

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क्या कहा ICC ने

आईसीसी ने एक बयान में कहा, ‘‘भारत के स्पिन गेंदबाज रविंद्र जडेजा पर नागपुर में आस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट के दौरान आईसीसी की आचार संहिता के लेवल एक का उल्लंघन करने के लिये गुरूवार को उनकी मैच फीस का 25 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया। '' इसमें कहा गया, ‘‘इसके अलावा जडेजा के अनुशासनात्मक रिकॉर्ड में एक ‘डिमैरिट' अंक भी जोड़ दिया गया है जिनका 24 महीने में यह पहला उल्लघंन था। '' जडेजा ने आईसीसी के मैच रैफरियों के एलीट पैनल के एंडी पाइक्रोफ्ट द्वारा प्रस्तावित इस उल्लंघन और जुर्माने को स्वीकार लिया है इसलिये आधिकारिक सुनवाई की जरूरत नहीं पड़ी। 

आईसीसी ने बयान में कहा, ‘‘मैच रैफरी इस बात से संतुष्ट थे कि ऊंगली पर यह मलहम पूरी तरह से चिकित्सा के उद्देश्य से लगाया गया था। '' इसके अनुसार, ‘‘यह मलहम बतौर कृत्रिम पदार्थ गेंद पर नहीं लगाया गया था और इससे गेंद की स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ जो आईसीसी के खेलने की शर्तों के अनुच्छेद 41.3 का उल्लघंन नहीं हुआ। '' मैदानी अंपायर नितिन मेनन और रिचर्ड इलिंगवर्थ, तीसरे अंपायर माइकल गॉ और चौथे अंपायर केएन अनंतपद्मनाभन ने आरोप तय किये। लेवल एक में न्यूनतम जुर्माना आधिकारिक फटकार है और अधिकतम एक खिलाड़ी की 50 प्रतिशत मैच फीस काटने और एक या दो डिमैरिट अंक का जुर्माना है। 

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जीते के लिए हुए अहम साबित

बता दें कि ऑलराउंडर जडेजा ने 5 महीने बाद मैदान पर वापसी करते ना सिर्फ बल्ले से रन बरसाए बल्कि दोनों पारियों में कंगारू बल्लेबाजों को नानी याद दिला दी। जडेजा ने मैच में 7 विकेट लिए। पहली पारी में उन्होंने 5 विकेट चटकाए, जिस कारण कंगारू टीम 177 पर सिमटी। फिर दूसरी पारी में भी 2 विकेट लेकर टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई। साथ ही जडेजा ने 9 चौकों की मदद से 70 रनों की पारी भी खेली। जडेजा के प्रदर्शन ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया।

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मैच का जिक्र करें तो टाॅस जीत कर पहले बल्लेबाजी करते हुए आस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 177 रन बनाये थे जिसके जवाब में भारत ने ठोस बल्लेबाजी का मुजाहिरा करते हुये 400 रनों का स्कोर खड़ा किया था।  पहली पारी में 223 रन से पिछड़ने वाली आस्ट्रेलिया पर दवाब बरकरार रखते हुये अश्विन (37 रन पर पांच विकेट) और रविन्द्र जडेजा (34 रन पर दो विकेट) ने मेहमान बल्लेबाजी की बखिया उधेड़ दी जबकि मोहम्मद शमी (13 रन पर दो विकेट) और अक्षर पटेल (छह रन पर एक विकेट) ने रही सही कसर पूरी करते हुये कंगारूओं के खिलाफ भारत को अब तक की सबसे बड़ी जीत दिला दी।   
भारत के खिलाफ आस्ट्रेलिया का दूसरी पारी में यह दूसरा सबसे कम स्कोर है। इससे पहले सात फरवरी 1981 को आस्ट्रेलिया ने मेलबर्न की पिच पर अपनी दूसरी पारी में महज 83 रन बनाये थे। गुंडप्पा विश्वनाथ के शानदार शतक की बदौलत भारत यह मैच 59 रन से जीता था जबकि तीन नवंबर 2004 को मुबंई में वानखेडे स्टेडियम पर कंगारू टीम भारत के खिलाफ 93 रन पर ढेर हो गयी थी और नजदीकी मुकाबले में भारत को 13 रन से जीत मिली थी।