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नई दिल्ली: यूनिसेफ की युवा दूत नियुक्त की गई भारतीय धाविका हिमा दास ने बुधवार को इस कदम का स्वागत किया कि राष्ट्रीय डोपिंगरोधी एजेंसी (नाडा) उनकी कड़ी निगरानी कर रहा है और कहा कि यह अच्छी एथलीट होने के संकेत हैं। रिपोर्टों के अनुसार हिमा को नाडा ने अपने ‘पंजीकृत परीक्षण सूची’ में शीर्ष वर्ग में रखा है। इसके तहत इस 18 वर्षीय एथलीट का लगातार प्रतियोगिता के दौरान और प्रतियोगिता से इतर परीक्षण किया जा सकता है।
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हिमा ने एक अखबार से कहा, ‘जो भी नियम हैं हमें उनका अनुसरण करना होगा। मुझे इससे कोई परेशानी नहीं है। अच्छे एथलीटों के साथ यह आम बात है। यह अच्छे एथलीटों के फायदे के लिए ही है।’ एशियाई खेलों में चार गुणा 400 मीटर महिला रिले में स्वर्ण और फिनलैंड में अंडर-20 विश्व चैंपियनशिप में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतने वाली हिमा को यूनिसेफ ने भारत की पहली युवा दूत नियुक्त किया। हिमा ने कहा कि उनका लक्ष्य अपने समय में लगातार सुधार करना है। उन्होंने कहा, ‘मैं पदकों के लिये नहीं दौड़ती। मैं अपना समय बेहतर करने के लिए दौड़ती हूं। मैं अपने समय में सुधार करने पर ध्यान देती हूं।’