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पेरिस : भारत की भाग्यश्री जाधव मंगलवार को यहां पैरालंपिक की महिला गोला फेंक (एफ34) स्पर्धा के फाइनल में पांचवें स्थान पर रहीं। पैरालंपिक में दूसरी बार हिस्सा ले रही भाग्यश्री ने गोले को 7.28 मीटर की दूरी तक फेंका लेकिन यह पोडियम पर जगह दिलाने के लिए नाकाफी था। चीन की लिजुआन झोउ ने 9.41 मीटर के सत्र के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ स्वर्ण पदक जीता जबकि पोलैंड की लुसीना कोर्नोबीस ने 8.33 मीटर के प्रयास से रजत पदक अपने नाम किया। 

महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले की रहने वाली 39 साल की भाग्यश्री 2006 में दुर्घटना के बाद अपने पैरों का इस्तेमाल नहीं कर पाई। इस घटना के बाद वह अवसाद में चली गईं थी और परिवार तथा मित्रों के उत्साहवर्धन के बाद पैरा खेलों से जुड़ी। एफ34 वर्ग के खिलाड़ियों को हाइपरटोनिया (कठोर मांसपेशियां), एटैक्सिया (खराब मांसपेशी नियंत्रण) और एथेटोसिस (अंगों या धड़ की धीमी गति) सहित समन्वय संबंधी कमियों से निपटना पड़ता है। 

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