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नई दिल्लीः बीसीसीआई ने खुद को सूचना के अधिकार ( आरटीआई ) के तहत लाने के मुद्दे पर सभी विकल्पों को खुला रखा है क्योकि कानून आयोग ने पिछले सप्ताह क्रिकेट बोर्ड को आरटीआई के दायरे में लाने की अनुशंसा की थी। बीसीसीआई हालांकि टीम चयन को इसके अंतर्गत लाने के पक्ष में नहीं है।          

कानून आयोग ने कहा था कि बीसीसीआई को आरटीआई अधिनियम के तहत लाया जाना चाहिए। उन्होंने ने जोर कर कहा कि बीसीसीआई सार्वजनिक प्राधिकरण के तहत काम करता है जिसे सरकार से वित्तीय मदद मिलती है। कानून आयोग की सिफारिशें हालांकि सरकार पर बाध्यकारी नहीं हैं, लेकिन बोर्ड इस विषय पर उनके रूख का इंतजार कर रहा है।      

तकनीकी और वित्त समिति RTI का हिस्सा हो सकते है
बोर्ड के अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया, ‘‘ बीसीसीआई कानून आयोग की रिपोर्ट को सरकार के पास भेजने का इंतजार कर रहा है और सभी विकल्पों को खुला रखा है। बीसीसीआई को आरटीआई के तहत आना होगा। बीसीसीआई पारर्दिशता के लिए है और अगर इसका मतलब आरटीआई के तहत आना है तो इस पर विचार किया जाएगा। ’’ उन्होंने कहा , ‘‘ चयन समिति और कुछ अन्य चीजों को इसमें शामिल नहीं किया जा सकता है। तकनीकी और वित्त समिति आरटीआई का हिस्सा हो सकते है। ’’ प्रशासकों की समिति ( सीओए ) विनोद राय और डायना एडुल्जी ने भी आज यहां इस मामले पर चर्चा की। बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी भी इस बैठक का हिस्सा थे।