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चेन्नई : भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह अपनी टीम के पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने के स्ट्राइक रेट से खुश हैं लेकिन वह एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी (एसीटी) में चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के खिलाफ बुधवार को होने वाले महत्वपूर्ण मैच में आसानी से पेनल्टी कॉर्नर देने से बचना चाहते हैं। 

हरमनप्रीत ने दक्षिण कोरिया के खिलाफ 3-2 से जीत के बाद पीटीआई से कहा, ‘यह निश्चित तौर पर बेहद कड़ा मुकाबला होगा। हमें स्मार्ट हॉकी खेलनी होगी तथा अपनी वास्तविक रणनीति और जिम्मेदारियों पर ध्यान केंद्रित करना होगा। हमें अपनी मूल संरचना पर कायम रहना होगा और मौकों का पूरा फायदा उठाना होगा।' उन्होंने कहा, ‘इस मैच के लिए स्टेडियम खचाखच भरा रहेगा। रविवार को खेले गए मैच में भी स्टेडियम लगभग भरा हुआ था जो भारतीय हॉकी के लिए अच्छा संकेत है।' 

हरमनप्रीत इस बात से खुश हैं कि टीम ने पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने और मैदानी गोल करने का रास्ता ढूंढ लिया है लेकिन रक्षा पंक्ति में और अधिक मजबूती की दरकार है विशेषकर टीम को महत्वपूर्ण मौकों पर पेनल्टी कॉर्नर देने से बचना होगा। उन्होंने कहा, ‘हम मैदानी और पेनल्टी कॉर्नर पर गोल कर रहे हैं और पर्याप्त समय तक गेंद पर नियंत्रण भी बना रहे हैं लेकिन हमें अपने रक्षण में अब भी काम करने की जरूरत है तथा हमें आसानी से पेनल्टी कॉर्नर नहीं देने होंगे। हमें सर्किल के अंदर गेंद पर बेहतर तरीके से नियंत्रण बनाना होगा।' 

जहां तक पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने की बात है तो दक्षिण कोरिया के खिलाफ भारत ने चार पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए जिनमें से दो पर उसने गोल किए। पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने में निरंतरता के अभाव पर हरमनप्रीत ने कहा कि विरोधी टीमों का रक्षण मजबूत है जो कि खेल के लिए अच्छा है। उन्होंने कहा, ‘यह केवल हमारे साथ ही नहीं प्रत्येक टीम के साथ ऐसा हो रहा है। इसका मुख्य कारण यही है कि उनका रक्षण बेहतर हो गया है। अगर आप हमारी रक्षा पंक्ति पर गौर करें तो अमित रोहिदास और जरमनप्रीत सिंह बहुत अच्छी भूमिका निभा रहे हैं। विरोधी टीमों के साथ भी ऐसा है जो खेल के लिए अच्छा है।'