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बर्मिंघमः इंग्लैंड के कप्तान जो रूट ने कहा कि भारत के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला का पहला मैच उतार-चढाव से भरा रहा जो क्रिकेट पारंपरिक प्रारूप के लिए अच्छा है और इसके आलोचकों को भी इस मैच का पुन:प्रसारण देखना चाहिए। एजबेस्टन में खेला गया यह मैच इंग्लैंड का 1000वां टेस्ट मैच था। जिसमें टीम ने 194 रन के लक्ष्य का सफलतापूर्वक बचाव करते हुए 31 रन से जीत दर्ज की।  रूट ने कहा, ‘‘यह टेस्ट क्रिकेट का शानदार प्रचार है। जो इसे नीरस मानते है उन्हें इसको फिर से देखना चाहिये। क्या मैच था!’’

उन्होंने कहा, ‘‘सुबह हमने उस विश्वास और इच्छाशक्ति के बारे में बात की थी जो हमने पिछले तीन दिनों में दिखाया था। अगर हम शांत रहे और हमें विश्वास था कि जैसी गेंदबाजी कर रहे उस पर कायम रहे तो इसका इनाम जरूर मिलेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है हमने ऐसा ही किया। मुझे इस दल पर फख्र है। इसने श्रृंखला को लेकर उत्सुक्ता और बढ़ा दी है, लाॅर्ड्स टेस्ट का इंतजार है।’’ रूट ने अश्विन की तरह ही बल्लेबाजों का बचाव किया करते हुए कहा कि हालात तेज गेंदबाजों के मुफीद थे और दोनों टीम ने इसका फायदा उठाया।

उन्होंने कहा कि इंग्लैंड की टीम ने इस मैच में कई गलतियां की लेकिन जीत का जज्बा कभी कम नहीं हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘हमें पता था कि विकेट लेना काफी अहम होने वाला है। यह ऐसा मैच था जिसमें हमेशा लग रहा था कि एक विकेट लेने के बाद दो-तीन विकेट और गिर सकता था।’’ रूट ने कहा, ‘‘हमें हमेशा लग रहा कि मैच में बने हुए है और पूरे मैच में गेंद स्विंग हो रही थी। दोनों टीम के गेंदबाजों को हालात का फायदा उठाने का श्रेय दिया जाना चाहिए। हमारे और बेहतर तरीके से इसका फायदा उठाया और बल्लेबाजों के लिये वहां समय बिताने मुश्किल कर दिया।’’