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जालन्धर : भारत और इंगलैंड के बीच नॉटिंघम में चल रहे तीसरे टेस्ट के दौरान भारतीय पारी पूरी तरह लडख़ड़ा सकती थी अगर भारतीय कप्तान विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे बढ़ पार्टनरशिप न करते। सीरीज में अब तक खराब प्रदर्शन करते आ रहे भारतीय बल्लेबाजों ने हालांकि नॉटिंघम में शुरुआत तो अच्छी की थी जब शिखर धवन और केएल राहुल ने सीरीज में पहली बार 50 से ज्यादा रन की पार्टनरशिप की। दूसरे टेस्ट से बाहर किए गए धवन यहां अच्छे टच में दिखे। वोक्स की गेंद पर आऊट होने से पहले उन्होंने 65 गेंदों में सात शानदार चौकों की मदद से 35 रन बनाए। वहीं लोकेश राहुल ने 23 रन बनाए।

16 साल बाद की 150+ की साझेदारी
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दरअसल इंगलैंड दौरे पर भारतीय टीम का प्रदर्शन कितना खराब रहा है कि इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले 16 सालों में पहली बार भारत ने किसी विकेट के लिए 150+ की साझेदारी की है। इससे पहले 2002 में लीड्स में खेले गए मैच के दौरान संजय बांगड़ और राहुल द्रविड़ ने 170 रन की पार्टनरशिप की थी। इसी मैच द्रविड़ और तेंदुलकर ने 150 तो तेंदुलकर और गांगुली ने 249 रन की पार्टनरशिप निभाई थी।

कोहली-रहाणे ने जोड़े 159 रन
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पहले टेस्ट में अकेले ही इंडिया टीम के लिए लड़े कप्तान विराट कोहली तीसरे टेस्ट में भी अच्छी लय में नजर आए। कोहली ने रहाणे के साथ 159 रन की पार्टनरशिप निभाई। कोहली-रहाणे की इसी पार्टनरशिप के कारण भारतीय टीम नॉटिंघम टेस्ट में पहले ही दिन 300 से ज्यादा का स्कोर बोर्ड पर टांग पाई। कोहली ने 152 गेंदों में 11 चौकों की मदद से जहां 97 रन बनाए तो वहीं रहाणे ने 131 गेंदों में 12 चौकों की मदद से 81 रन बनाए।

टीम को अब नए विकेटकीपर रिषभ पंत से उम्मीद होगी जिन्होंने अपने पहले टेस्ट की दूसरी ही गेंद पर छक्का लगाकर अपना खाता खोला था।

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सचिन ने भी की तारीफ